इस दीप माला का प्रथम दीप 'तिरस्कार' प्रकाशित करते समय हमने आपसे वादा किया था कि हम एक के बाद एक दीप प्रकाशित करते रहेंगे, जिससे हमारे किशोर पाठकों के मन का कोना-कोना आलोकित हो उठे। जीवन की ऊँची-नीची राहों पर हमारे यह छोटे-छोटे दीप ऐसा प्रकाश फैलाते रहेंगे जिससे हमारे देश के किशोर अपना विकास पथ तलाश कर सकें। हमारे इन उपन्यासों के मुख्य पात्र बड़े ही पवित्र, भोले और रचनात्मक आदर्शों से जुड़े होते हैं। हम आशा करते हैं कि पाठकों को वे अपने आदर्शों से अवश्य प्रभावित करते होंगे।
यही हमारे प्रकाशन की सार्थकता है। पाठकों के चरित्र उत्थान के लिए, उन्हें रचनात्मक प्रेरणा देने के उद्देश्य से ही हमने अपने प्रकाशन में बाल दीप माला को शामिल किया है। 'तिरस्कार' के बारे में हमें अपने पाठकों से बहुत से पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें इस पुस्तक की प्रशंसा की गई है। पाठकों की मांग पर हमें तीन महीने के अन्दर तिरस्कार दुबारा प्रकाशित करना पड़ा। और लगता है तीसरी बार भी शीघ्र ही प्रकाशित करना पड़ेगा।
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