नम्र निवेदन
परमश्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज गीताके मर्मज्ञ व्याख्याता तो हैं ही, इनके अन्य धार्मिक विषयोंपर दिये गये प्रवचन भी अत्यन्त समयोपयोगी एवं कल्याणकारी होते हैं । स्वामीजी महाराजकी भाषा अति सहज, सुलभ और मर्म स्पर्शी है तथा विचार अनुभवजन्य, सार गर्भित और प्रेरणादायक होते हैं । सामान्य मनुष्योंके जीवनमें जो निराशा, संताप और निरर्थकता व्याप्त हो गयी है उसको दूर करके प्राणोंमें नयी चेतना, सार्थकता और सम्भावनाओंका संचार करनेके लिये स्वामीजी महाराजके प्रवचन अत्यन्त उपयोगी हैं ।
प्रस्तुत पुस्तिकामें संगृहीत स्वामीजी महाराजके प्रवचन आध्यात्म, भक्ति एवं सेवा मार्गके साधकोंके लिये दिशा निर्देशन और पाथेयका काम करेंगे । आवश्यकता है केवल इन विचारोंको जाननेकी, समझनेकी तथा तदनुसार आचरण करनेकी । आशा है पाठकगण इन जीवनोपयोगी विचारोंसे स्वयं लाभ उठायेंगे तथा इनका अधिक से अधिक प्रसार करेंगे ।
विषय सूची
1
मानव जीवनका लक्ष्य
5
2
सत्संगकी महिमा
13
3
दुर्गुणोंका त्याग
25
4
संसारमें रहनेकी विद्या
38
पंचामृत
57
6
शरणागति
66
7
मनकी चंचलता कैसे दूर हो?
76
8
भगवान्में मन कैसे लगे?
82
9
निरन्तर भगवत्प्राति कैसे हो?
87
10
जीवनकी चेतावनी
93
11
व्यवहारमें परमार्थ
105
12
क्रोधपर विजय कैसे हो?
111
ममता त्यागसे नित्य सुख
117
14
भय और आशाका त्याग
121
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