पुस्तक के बारे में
ज्योतिष प्रेमियों के लिए सफल भविष्यवाणी की यह पुस्तक प्रस्तुत करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए भी है जो यह जानना चाहते है कि ज्योषि भाविष्यवाणी और मार्गदर्शन करने वाला विज्ञान है या काला जादू और ग्रह- शांति जैसे छद्म उपायों का पिटारा। आजकल के ज्यादातर ज्योतिष यही सब करके पैसा बना रहे है। पैसा उनका भगवान है और ठोस वैज्ञानिक ज्योतिषीय भविष्यवाणी करना उनके बूते की बात नहीं है।
भारतीय विद्या भवन के विद्यार्थियों द्वारा की गई सटीक भविष्यवाणी के इस संकलन के जरिये हम यह भी बताना चाहते हैं कि ज्योतिष का शिक्षण समाज के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है, कम से कम उन लोगों के लिए जो ज्योतिष की मार्ग दर्शन तथा भविष्य दर्शन का विज्ञान मानते हैं। वरना टीवी चैनलों पर आ रहे ज्योतिष कार्यक्रमों ने तो इसे साती, कंटठ शनि और कालसर्प जैसे काल्पनिक योगों से डराकर पैसे ऐठनें वाले ज्योतिष धूर्त-बदमाशा हैं। इनसे से कुछ तो किसी न किसी दिन जेल में चक्की पीसेंगे या दफा 420 के तहत अदालत के चक्कर काट रहे होगे। यही हाल कालबेला और राहुकालम का है जिनका कोई ज्योतिषीय आधार न होने पर भी आम आदमी का इनके नाम पर गुमराह किया जाता है। हमारा उद्देश्य इन अंधविश्वासों के प्रति लोगों को सतर्क करना है।
आशीर्वाद और मार्गदर्शन से यह पुस्तक लिखी गई।
फलित ज्योतिष पर अनेकों किताबें लिखी जा चुकी हैं। ऐसे में इस नई किताब की जरूरत क्यों पड़ी? आज टी.वी. चैनलों और अखबारों के जरिये ज्योतिष का जो विकृत रूप सामने आ रहा है, उसी को ध्यान में रखकर इस किताब की परिकल्पना की गई है। पुस्तक में शामिल फलित के तमाम उदाहरणों के जरिये यही बताने की कोशिश की गई है कि ज्योतिषीय भविष्यवाणी करने के लिए विषय की गहरी समझ के साथ कुछ तकनीकों की जरूरत होती है। यानी सटीक भविष्यवाणी के लिए कथित ज्योतिषाचार्यो और उपायाचार्यों की शरण में जाने की बजाय सही ढंग से प्रशिक्षित ज्योतिषी की आवश्यकता होती है जो सही फलित के साथ आपका मार्ग प्रशस्त कर सकता है । मैं उन गुरुजनों की आभारी हूं जिन्होंने अपने बहुमूल्य समय में से थोड़ा वक्तनिकाल कर इस किताब के लिए कुछ लिखा। इनमें प्रमुख हैं श्री वी.पी. गोयल मे एम.एस. मेहता और श्री दीपक बिसारिया जिन्होंने अपने लेखों की अनुवादित प्रतिया तक चेक करके मेरी सहायता की। इनके अलावा सर्वश्री विनय गुप्ता, एन.एन. शर्मा, नवल सिंह, जी.एन. सक्सेना मनोज पाठक और डॉ० श्रीरमा मिश्र ने भी इसके लिए सहर्ष योगदान दिया। भविष्य में ज्योतिष संकाय के अन्य प्राध्यापकों के आलेख भी इस पुस्तक में शामिल किए जाएंगे।
किताब में कुछ लेख मेरे सहपाठियों ने लिखे हैं जिनकी ज्योतिषीय प्रतिभा की मैं खुद कायल हूं। मेरे सहपाठी अनिल सिंह और कविता शर्मा ने पुस्तक के लिए लेख चुनने में मेरी मदद की । कुछ सहपाठियों ने तो लेखन का कोई अनुभव न होने के आलेख इस किताब के लिए लिखने की जहमत उठाई।
पुस्तक के सम्पादन में इस बात का खयाल रखा गया है कि भविष्यवाणी प्रमाणित हो। ज्यादातर मामलों में हमने प्रश्नकर्ता के लिखित दस्तावेज (पत्र) को साक्ष्य माना हैं । साथ ही, हमने ज्योतिषीय विश्लेषण को साबित मानदंडों की कसौटी पर भी कसा है। यै सभी भविष्यवाणियां तीर-तुक्के की तरह नहीं हैं, बल्कि शोधपरक वैज्ञानिकों पर खरी उतरती हैं । जगह-जगह पर हमने ऐसे मानकों को उद्धृत भी किया है ताकि पाठकगण इनसे लाभान्वित हो सकें और ज्योतिष को उसके ठीक वैज्ञानिक स्वरूप में समझ सकें।
लेखन में भाषा की सरलता और सहज प्रवाह का भी ध्यान रखा गया है। दरअसल इसके बिना पुस्तक के प्रकाशन का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पाता। यह पुस्तक हर उस हिन्दी- भाषी के लिए है जो सीधे सरल शब्दों में ज्योतिष जानना चाहता है और इस दैवीय विद्या के नाम पर रचे जा रहे प्रपंचों-पाखंडों से बचना चाहता है । इस प्रसंग में मैं अपने गुरु श्रीराव का जिक्र करना चाहूंगी। पुस्तक की परिकल्पना से लेकर इसे मूर्त रूप देने तक वे ही मेरे पथप्रदर्शक रहे हैं । इतना ही नहीं. पुस्तक में संग्रहित सभी आलेख उन्हीं की प्रेरणा और प्रशिक्षण से सम्भव हो पाए हैं। गौरतलब है कि सटीक भविष्यवाणियां करने वाले ये सभी ज्योतिषी श्रीराव द्वारा ही प्रशिक्षित हैं।
इस बात का पूरा श्रेय श्रीराव को जाता है कि 21वीं सदी के इस दौर में भी उन्होंने ज्योतिष सरीखी प्राचीन शास्त्रीय विधा को पूरी गरिमा के साथ' जिलाये रखा है । भारत के आध्यात्मिक क्षितिज से लुप्त होते ज्योतिष विज्ञान के पुनरूत्थान के साथ इसकी शोधपरक अध्ययन- अध्यापन की परम्परा के प्रणेता भी वही हैं। आधुनिक संदर्भ में ज्योतिष की विवेचना और उपयोगिता पर उनके विचार बेहद प्रासंगिक हैं।
श्रीराव का बेहतरीन गुण है उनकी ईमानदारी और नम्यता । वे सहजता से अपनी किसी गलती को स्वीकार करते हैं और विनम्रता से उसमें सुधार के लिए भी प्रस्तुत रहते हैं । उनके इसी उदारवादी दृष्टिकोण ने ज्योतिष के पुरातन मापदण्डों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में समझने और परखने में हमारी बड़ी मदद की है।
भारतीय विद्या भवन में ज्योतिष संस्थान की स्थापना करने से लेकर उसके पल्लवित होने तक के सफर में वही साक्षी रहे हैं । उन्हीं की निष्ठा और लगन का परिणाम है कि आज संस्थान में एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी उच्च-स्तरीय ज्योतिष शिक्षा पा रहे हैं। हम गर्व से यह भी कह सकते हैं कि ज्योतिष में निरन्तर वैज्ञानिक शोध करने वाला विश्व का यह एकमात्र संस्थान है।
मैं सुप्रीम एलॉयज लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक श्री जे०के० अरोड़ा की आभारी हूं जिन्होंने इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए आर्थिक सहायता की । मैं ' सोसाइटी फॉर वैदिक रिसर्च एंड 'प्रक्टिसिस' की खास तौर पर आभारी हूं जिन्होंने पुस्तक के सम्पादन और प्रकाशन में बेहद मदद की है। उम्मीद है यह पुस्तक आपको पसंद आएगी।
विषय
प्रस्तावना
पुस्तक की आवश्यकता
5
शिक्षा
1
एम.बीए. में दाखिला - डॉ. श्रीरमा मिश्र
11
2
इन्जीनियरिंग में आकस्मिक प्रवेश - नवल सिंह
13
3
विदेश में शिक्षा - अनिल सिंह
16
4
अवसाद से कामयाबी तक - हरीश चन्द्र बलौदी
18
कानून पढ़ने की सलाह - डॉ. सुमन माहेश्वरी
21
6
नौकरी ठुकराकर एम.बी.ए. - सविता सूदन
23
7
इन्जीनियर बनने का फलित - सविता गर्ग
25
8
कैरियर सलाह-एस कपूर
27
9
डॉक्टर नहीं इंजीनियर-अनिल ठाकुर
29
10
स्कॉलरशिप से शिक्षा-सुनीता मित्तल
31
ज्योतिष ने दी दिशा-सविता सूदन
34
आजीविका
12
वक्री ग्रह और नौकरी - कृष्ण कुमार जोशी
38
अनोखी पदोन्नति-वी.पी. गोयल
41
14
निर्णायक पल-जी.एन. सक्सेना
43
15
नौकरी और संतान - डॉ. श्रीरमा मिश्र
46
कार्यकाल बढ़ा-वी.पी गोयल
49
17
नौकरी का संजोग-अनिल सिंह
51
नौकरी बदली-दिनेश नंदा
53
19
नौकरी में बहाली - विशाल अरोड़ा
55
20
विदेश में राजयोग-रोहिणी शर्मा
57
अद्भुत उत्थान - एससी. मनचन्दा
59
22
राह बदली - डॉ. सुमन माहेश्वरी
62
सही विकल्प-मारिषा शर्मा
65
24
जेल से बचे - पी.एल. खुश
68
मनचाही नौकरी - डॉ. वी.एस. चमार्थी
71
26
शिक्षा के साथ नौकरी - प्रियम्बदा अग्रवाल
73
व्यावहारिक सलाह - राजबीर सिंह
75
28
मनचाहा पद नहीं - रमेश कुमार
77
कर्म-कांड में भविष्य - पवन वल्लभ थपलियाल
80
30
रोजगार का आश्वासन - सोनिया मेहदीरत्ता
82
आखिरी दांव - जीवन पाठक
85
32
विषाद से मुक्ति - उषा अग्रवाल
88
विवाह
33
दूसरा विवाह - वी.पी गोयल
91
बिगड़ते बनते रिश्ते - दीपक बिसारिया
93
35
योगिनी से विवाह की भविष्यवाणी - एन.एन. शर्मा
96
36
गूंज उठी शहनाई - एम.के. पाठक
98
37
राम रचि राखा - दीपक बिसारिया
100
शादी में विलम्ब - द्रौपदी राय
103
39
चट मंगनी पट ब्याह - एस.सी. मनचन्दा
106
40
विवाह समय निर्धारण - रमेश कुमार
108
विजातीय से सजातीय - पवन वल्लभ थपलियाल
112
42
आप्रवासी से परिणय - रमेश खन्ना
114
गैर-पारम्परिक विवाह - अनिता माथुर
116
44
अचूक फलित - सचिन मल्होत्रा
119
45
फलित सत्य हुआ - सोनिया मेहदीरत्ता
121
सन्तान
गोद लेने का सवाल - डॉ. श्रीरमा मिश्र
124
47
मंत्र का प्रसाद - मनोज पाठक
126
48
विलम्ब से संतान - डॉ. कान्ता गुप्ता
129
सामान्य प्रसव - आभा शर्मा
133
50
विदेश गमन और संतान - डॉ. कान्ता गुप्ता
136
पुत्र प्राप्ति का सवाल - कपिल सिंघल
140
52
पोते की आस - अतुल अग्रवाल
142
दशा और सन्तान - कविता शर्मा विविध
144
54
प्रश्न कुंडली - पंडित अमरनाथ
147
सम्पत्ति का सवाल - एम.एस. मेहता
149
56
काश यह सच न होता - विनय गुप्ता
152
चुनावी जीत - द्रौपदी राय
156
58
कैंसर निदान - डॉ. सरला प्रसाद
159
स्वास्थ्य संबंधी सवाल - विशाल अरोड़ा
161
60
स्कूटर मिल गया - सुभाष चन्द्र चौधरी
163
61
सटीक भविष्यवाणी - प्रियम्बदा अग्रवाल
166
दुर्घटना - अर्चना राठौर
170
63
रुका धन कब मिलेगा - मनीष मलिक
173
64
सुनिश्चित प्रारब्ध - द्रौपदी राय
175
उदर रोग - जे.एल. साहनी
180
66
राजनीतिक मात - रमेश खन्ना
182
67
तकदीर का खेल - ले. कर्नल आर.पी. धनखेर
184
हार या जीत - सिम्मी दुआ
186
69
कारोबारी उतार-चढ़ाव - संगीता गुप्ता
188
70
मिथ्या प्रेम प्रसंग - पंकज वर्मा
190
तलाक - सचिन मल्होत्रा
193
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12479)
Tantra ( तन्त्र ) (984)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1884)
Chaukhamba | चौखंबा (3348)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1439)
Yoga ( योग ) (1089)
Ramayana ( रामायण ) (1395)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (22983)
History ( इतिहास ) (8199)
Philosophy ( दर्शन ) (3310)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2537)
Vedanta ( वेदांत ) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist