Look Inside

भागवत- कथा: The Story of The Bhagavat

FREE Delivery
Express Shipping
$38
Express Shipping: Guaranteed Dispatch in 24 hours
Quantity
Delivery Ships in 1-3 days
Item Code: HAA167
Publisher: Sri Ramakrishna Math
Author: स्वामी गीतानन्द: (Swami Gitananda)
Language: Sanskrit Text to Hindi Translation
Edition: 2017
ISBN: 9789385858888
Pages: 480
Cover: Paperback
Other Details 8.5 inch X 5.5 inch
Weight 550 gm
Fully insured
Fully insured
Shipped to 153 countries
Shipped to 153 countries
More than 1M+ customers worldwide
More than 1M+ customers worldwide
100% Made in India
100% Made in India
23 years in business
23 years in business
Book Description
<meta content="text/html; charset=windows-1252" http-equiv="Content-Type" /> <meta content="Microsoft Word 12 (filtered)" name="Generator" /> <style type="text/css"> <!--{cke_protected}{C}<!-- /* Font Definitions */ @font-face {font-family:Mangal; panose-1:2 4 5 3 5 2 3 3 2 2;} @font-face {font-family:"Cambria Math"; panose-1:2 4 5 3 5 4 6 3 2 4;} @font-face {font-family:Calibri; panose-1:2 15 5 2 2 2 4 3 2 4;} /* Style Definitions */ p.MsoNormal, li.MsoNormal, div.MsoNormal {margin-top:0in; margin-right:0in; margin-bottom:10.0pt; margin-left:0in; line-height:115%; font-size:11.0pt; font-family:"Calibri","sans-serif";} p.msopapdefault, li.msopapdefault, div.msopapdefault {mso-style-name:msopapdefault; margin-right:0in; margin-bottom:10.0pt; margin-left:0in; line-height:115%; font-size:12.0pt; font-family:"Times New Roman","serif";} .MsoChpDefault {font-size:10.0pt;} @page WordSection1 {size:8.5in 11.0in; margin:1.0in 1.0in 1.0in 1.0in;} div.WordSection1 {page:WordSection1;} -->--></style>

प्रकाशकीय

भारतवर्ष में शास्रग्रन्थों के बीच श्रीमद्भागवतमहापुराण सभी धर्मप्रिय मनुष्यों के हृदय में विशेष श्रद्धा के आसन पर प्रतिष्ठित है । भागवत में एक साथ ही इतिहास, पुराण, संस्कृति एवं अध्यात्मतत्त्वों के अद्भुत सम्मिलित भावों का समावेश है । सम्पूर्ण वेदशास्र मन्थन करके यह अवर्णनीय तत्वसार परमहंस संहिता श्रीमद्भागवत, व्यासदेव ने विश्व के चिन्तनशील और श्रद्धालु पाठकों को उपहार दिये हैं । श्रीमद्भागवतमहापुराण एक विशाल ग्रन्थ है, उसी ग्रन्थ में से प्रधान प्रधान विषयों को संक्षेप में लिपिबद्ध करके पूज्य श्रीमत् स्वामी गीतानन्दजी महाराज ने भागवत कथा ग्रन्थ के रूप में बंगला भाषा में प्रकाशित किये हैं । अध्यात्म मार्ग के पथिकों के लिए इसकी अत्यन्त उपयोगिता को देखते हुए, हम इसका हिन्दी अनुवाद आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं । हमें पूर्ण विश्वास है कि यह अद्भुत भावमय पूज्य भागवत कथा सभी श्रद्धालु पाठकों को आध्यात्मिक चेतना प्रदान करेगी । उद्बोधन कार्यालय कोलकाता से बंगला भाषा में प्रकाशित भागवत कथा के द्वितीय संस्करण (चतुर्थ पुनर्मुद्रण) से सहज सरल हिन्दी में अनुवाद डॉ. केदारनाथ लाभजी ने बहुत परिश्रमपूर्वक किया है, इसके लिए हम, उन्हें हार्दिक शुभकामना एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हैं । इस ग्रन्थ के संस्कृत श्लोकों का क्रम गीताप्रेस, गोरखपुर से संस्कृत में प्रकाशित श्रीमद्भागवतमहापुराणम् के तृतीय संस्करण के अनुसार रखा गया है ।

 

विषयसूची

(क)

ग्रन्थकार का निवेदन

5

(ख)

आमुख

7

1

प्राक्कथन

1

2

प्रथम तीन श्लोकों का वैशिष्टय

8

3

भागवत की रचना एवं शुकदेव को शिक्षादान

14

4

परीक्षित् को ब्रह्मशाप एवं शुकदेव का भागवत कथन

30

5

कुन्ती की कृष्ण स्तुति

45

6

भीष्म की कृष्ण स्तुति

48

7

विदुर उद्धव संवाद (क)

72

8

विदुर उद्धव संवाद (ख)

88

9

विदुर उद्धव संवाद (ग)

99

10

मैत्रेय विदुर संवाद

116

11

कपिल देवहूति संवाद

130

12

ध्रुव कथा

142

13

महाराज पृथु का उपाख्यान

156

14

प्रह्लाद चरित

170

15

श्रीकृष्ण की जन्मकथा

190

16

श्रीकृष्ण जन्म और कंस की मन्त्रणा

205

17

पूतना मोक्ष लीला

221

18

कृष्ण का नामकरण एवं उनकी मधुर बाल्यलीला

234

19

दाम बन्धन लीला

247

20

फल बेचनेवाली का फलदान

261

21

व्रजवासियों का गोकुल से वृन्दावन आगमन एवं कृष्ण की गोचारण लीला

267

22

अघासुर वध, ब्रह्म मोहन एवं कृष्णस्तुति

273

23

कालिय दमन

281

24

रासलीला (क)

295

25

रासलीला (ख)

312

26

रासलीला (ग)

323

27

कृष्ण बलराम का मथुरा गमन

335

28

कंस वध

348

29

उद्धव का व्रज गमन (क)

361

30

उद्धव का व्रज गमन (ख)

379

31

जरासन्ध एवं शिशुपाल का वध

404

32

सूर्यग्रहण के उपलक्ष में कुरुक्षेत्र में यादवों तथा गोपों का मिलन

420

33

नौ योगीन्द्र निमि संवाद

435

34

श्रीकृष्ण का स्वधाम गमन का संकल्प और अवधूत कथा

448

35

श्रीकृष्ण उद्धव संवाद

458

36

श्रीकृष्ण का लीला संवरण और परीक्षित् का देह त्याग

472

 

</body> </html> **Contents and Sample Pages**
















Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy