प्रकाशकीय
भारतवर्ष में शास्रग्रन्थों के बीच श्रीमद्भागवतमहापुराण सभी धर्मप्रिय मनुष्यों के हृदय में विशेष श्रद्धा के आसन पर प्रतिष्ठित है । भागवत में एक साथ ही इतिहास, पुराण, संस्कृति एवं अध्यात्मतत्त्वों के अद्भुत सम्मिलित भावों का समावेश है । सम्पूर्ण वेदशास्र मन्थन करके यह अवर्णनीय तत्वसार परमहंस संहिता श्रीमद्भागवत, व्यासदेव ने विश्व के चिन्तनशील और श्रद्धालु पाठकों को उपहार दिये हैं । श्रीमद्भागवतमहापुराण एक विशाल ग्रन्थ है, उसी ग्रन्थ में से प्रधान प्रधान विषयों को संक्षेप में लिपिबद्ध करके पूज्य श्रीमत् स्वामी गीतानन्दजी महाराज ने भागवत कथा ग्रन्थ के रूप में बंगला भाषा में प्रकाशित किये हैं । अध्यात्म मार्ग के पथिकों के लिए इसकी अत्यन्त उपयोगिता को देखते हुए, हम इसका हिन्दी अनुवाद आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं । हमें पूर्ण विश्वास है कि यह अद्भुत भावमय पूज्य भागवत कथा सभी श्रद्धालु पाठकों को आध्यात्मिक चेतना प्रदान करेगी । उद्बोधन कार्यालय कोलकाता से बंगला भाषा में प्रकाशित भागवत कथा के द्वितीय संस्करण (चतुर्थ पुनर्मुद्रण) से सहज सरल हिन्दी में अनुवाद डॉ. केदारनाथ लाभजी ने बहुत परिश्रमपूर्वक किया है, इसके लिए हम, उन्हें हार्दिक शुभकामना एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हैं । इस ग्रन्थ के संस्कृत श्लोकों का क्रम गीताप्रेस, गोरखपुर से संस्कृत में प्रकाशित श्रीमद्भागवतमहापुराणम् के तृतीय संस्करण के अनुसार रखा गया है ।
विषयसूची
(क)
ग्रन्थकार का निवेदन
5
(ख)
आमुख
7
1
प्राक्कथन
2
प्रथम तीन श्लोकों का वैशिष्टय
8
3
भागवत की रचना एवं शुकदेव को शिक्षादान
14
4
परीक्षित् को ब्रह्मशाप एवं शुकदेव का भागवत कथन
30
कुन्ती की कृष्ण स्तुति
45
6
भीष्म की कृष्ण स्तुति
48
विदुर उद्धव संवाद (क)
72
विदुर उद्धव संवाद (ख)
88
9
विदुर उद्धव संवाद (ग)
99
10
मैत्रेय विदुर संवाद
116
11
कपिल देवहूति संवाद
130
12
ध्रुव कथा
142
13
महाराज पृथु का उपाख्यान
156
प्रह्लाद चरित
170
15
श्रीकृष्ण की जन्मकथा
190
16
श्रीकृष्ण जन्म और कंस की मन्त्रणा
205
17
पूतना मोक्ष लीला
221
18
कृष्ण का नामकरण एवं उनकी मधुर बाल्यलीला
234
19
दाम बन्धन लीला
247
20
फल बेचनेवाली का फलदान
261
21
व्रजवासियों का गोकुल से वृन्दावन आगमन एवं कृष्ण की गोचारण लीला
267
22
अघासुर वध, ब्रह्म मोहन एवं कृष्णस्तुति
273
23
कालिय दमन
281
24
रासलीला (क)
295
25
रासलीला (ख)
312
26
रासलीला (ग)
323
27
कृष्ण बलराम का मथुरा गमन
335
28
कंस वध
348
29
उद्धव का व्रज गमन (क)
361
उद्धव का व्रज गमन (ख)
379
31
जरासन्ध एवं शिशुपाल का वध
404
32
सूर्यग्रहण के उपलक्ष में कुरुक्षेत्र में यादवों तथा गोपों का मिलन
420
33
नौ योगीन्द्र निमि संवाद
435
34
श्रीकृष्ण का स्वधाम गमन का संकल्प और अवधूत कथा
448
35
श्रीकृष्ण उद्धव संवाद
458
36
श्रीकृष्ण का लीला संवरण और परीक्षित् का देह त्याग
472
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