पुस्तक परिचय
श्रद्धाराम फिल्लौरी ( जन्म 1837 मृत्यु 1881) जालंधर जिले के फिल्लौर में जन्मे श्रद्धाराम जी को सामान्यत प्रसिद्ध आरती ऊँ जय जगदीश हरे हिंदी के पहले उपन्यास भाग्यवती और सिद्धांत ग्रंथ सत्यामृत प्रवाहके रचयिता के रूप में जाना जाता है, जबकि इसके अतिरिक्त उन्होंने लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकें लिखीं जो हिंदी के अतिरिक्त संस्कृत, उर्दू और पंजाबी में हैं । उन्होंने फ़ारसी, उर्दू पंजाबी से अनुवाद का भी विपुल कार्य किया लेकिन हिंदी जगत पर आज भी उनके महत्त्वपूर्ण अवदान को लेकर पूर्वाग्रही होने का आरोप लगता रहता है । उन्हें सनातनधर्मी लेखक, धर्मोपदेशक, कथावाचक या अंग्रेजों का प्रशंसक कहकर खारिज किया जाता रहा है ।
भले ही उनका अधिकांश लेखन धार्मिक हो, लेकिन उपन्यास भाग्यवती पंजाबी बातचीत और सत्यामृत प्रवाह महत्त्वपूर्ण कृतियाँ हैं । भाग्यवती ( प्रकाशन वर्ष 1877) की जगह परीक्षागुरु को हिंदी का पहला उपन्यास मानने, न मानने पर मतभेद हैं फिर भी भाग्यवती भारतीय परिवेश से प्रेरित, उस समय के सुधारवादी आदोलनों से प्रभावित किसी देशी या विदेशी रचना से प्रभाव ग्रहण किए बिना सर्वथा मौलिक उपन्यास है । पश्चिमी समालोचना की दृष्टि से उसमें कुछ कमियों खोजी जा सकती हैं, लेकिन उस काल में इस तरह की मौलिक रचना का ऐतिहासिक महत्त्व है ।
पंजाबी बातचीत को दृष्टि में रखकर पंजाबी आलोचक उन्हें पंजाबी का आधुनिक गद्य निर्माता मानते हैं । सत्यामृत प्रवाह हिंदी गद्य की महत्वपूर्ण उपलब्धि है । आचार्य शुक्ल ने इसे बड़ी प्रौढ़ भाषा में रचा माना है ।
लेखक परिचय
राजेंद्र टोकी ( जन्म 1954) पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से एम.फ़िल. पी एच.डी. । आलोचक, अनुवादक, संपादक । आलोचना की पाँच पुस्तकें प्रकाशित, पाँच पुस्तकों का संपादन, उर्दू से देवनागरी में लिप्यांतर । संप्रति ए.एस. कॉलेज, खन्ना ( पंजाब) में हिंदी विभागाध्यक्ष ।
अनुक्रम
1
जीवन और व्यक्तित्व
7
2
फिल्लौरी का काव्य
23
3
श्रद्धाराम फिल्लौरी का गद्य
33
4
हिंदी का पहला उपन्यास और भाग्यवती
44
5
महत्व और उपलब्धियाँ
59
चयन
(क) पद्य
63
(ख) गद्य
73
परिशिष्ट
(क) रचना संसार
92
(ख) संदर्भ ग्रंथ सूची
94
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