Look Inside

निष्काम श्रद्धा और प्रेम: Selfless Devotion and Love

Express Shipping
$8.40
$14
(40% off)
Express Shipping: Guaranteed Dispatch in 24 hours
Quantity
Delivery Ships in 1-3 days
Item Code: GPA325
Author: Jayadayal Goyandka
Publisher: Gita Press, Gorakhpur
Language: Sanskrit Text with Hindi Translation
Edition: 2013
Pages: 160
Cover: Paperback
Other Details 8.0 inch X 5.0 inch
Weight 140 gm
Fully insured
Fully insured
Shipped to 153 countries
Shipped to 153 countries
More than 1M+ customers worldwide
More than 1M+ customers worldwide
100% Made in India
100% Made in India
23 years in business
23 years in business
Book Description

निवेदन

गीताजीके तीसरे अध्यायके 18वें श्लोकमें कहा है-

नैव तस्य कृतेनार्थों नाकृतेनेह कश्चन ।

न चास्य सर्वभूतेषु कश्रिदर्थव्यपाश्रय ।।

जो महात्मा हैं वह कोई काम करें, उन्हें करनेसे भी कोई प्रयोजन नहीं है और न करनेसे भी कोई प्रयोजन नहीं है । उन्हें जड़-चेतन किसीसे भी कोई प्रयोजन नहीं । महात्माका सम्पूर्ण भूतोंसे कुछ भी स्वार्थका सम्बन्ध नहीं रहता, फिर भी उनके द्वारा संसारके कल्याणके कार्य किये जाते हैं। परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दकाकी एक बड़ी भूख स्वाभाविक थी कि जीवमात्रका कल्याण हो; अत: उन्हें प्रवचन देनेका बड़ा उत्साह था । घंटों-घंटों प्रवचन देकर भी थकावट महसूस नहीं करते थे । उन प्रवचनोंको उस समय प्राय: लिख लिया जाता था । उनका कहना था- जबतक ये बातें जीवनमें न आ जायँ यानी कल्याण न हो जाय तबतक ये बातें हमेशा ही नयी हैं, इन्हें बार-बार सुनना, पढ़ना, मनन करना और जीवनमें लानेकी चेष्टा करनी चाहिये । उनके द्वारा दिये गये कुछ प्रवचनोंको यहाँ पुस्तक रूप में प्रकाशित किया जा रहा है । इसमें कुछ स्थानोंपर पहले प्रकाशित हुई बात भी आ सकती है; परन्तु पुनरुक्ति अध्यात्म-विषयमें दोष नहीं माना गया है । अध्यात्म-विषयमें पुनरुक्ति उस विषयको पुष्ट ही करती है, अत: हमें इन लेखों-बातोंको जीवनमें लानेके भावसे बार-बार इनका पठन तथा मनन करना चाहिये ।

 

विषय-सूची

1

दयाका तत्व

1

2

श्रद्धानुसार लाभ

6

3

श्रद्धाका क्रम

16

4

प्रेमका स्वरूप

23

5

ईश्वर और महापुरुषके आज्ञापालनका महत्त्व

31

6

प्रभुसे पुकार करें

44

7

निष्कामभावका क्रम

53

8

ध्यानका विषय

62

9

नवधा भक्ति

66

10

प्रेमके साधनका क्रम

77

11

ज्ञान और योग

83

12

तीर्थोंमें पालनीय बातें

95

13

श्रद्धासे विशेष लाभ

101

14

भगवान्का तत्त्व रहस्य

103

15

भगवान्की परीक्षा-विपत्ति

113

16

तत्वज्ञान

122

17

सिद्ध महापुरुषकी स्थिति

129

18

महात्मा बननेका उपाय

135

19

भगवान्का रसास्वाद

142

20

तीर्थोंमें करनेयोग्य बातें

146

21

साधनकी स्थायी स्थिति

148

**Sample Pages**












Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy

Book Categories