लेखक विषयक जानकारी
डॉ. एस. एस. गोला ज्योतिषशास्त्र' पर अंग्रेजी और हिंदी में लिखी जा चुकी अनेक पुस्तकों के लेखक है। आपका मानना है कि'इसमें कोई संदेह नही कि मानव एक भाग्याधारित प्राणी है लेकिन वह पूर्णतया इसका दास नही है वह अपने कर्मों के जरिए अपनी किस्मत पर विजय हासिल कर सकता है ।''
डॉ गोला को दिल्ली में सर्वप्रथम ज्योतिष की कक्षाएँ प्रारभ कराने का अनुभव है तथा अगस्त87 में वे सर्वप्रथम अध्यापक थे उनके इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हे श्री अर्जुन सिह(मंत्री) द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही आप अपने अनुपम कृत्यो के लिए भारत सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा प्रशस्ति अवार्ड से भी पुरस्कृत किए जा चुके है।
आप में ज्योतिष की यह प्रतिभा बाल्यकाल से ही विद्यमान थी। आपने लगभग3 वर्ष की आयु में ही अपने पडोसी के घर और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओ के बारे में बता दिया था यही नही15 वर्षकी आयु में आप9 से10 घटे समाधि में भी बैठा करते थे । बाल्यकाल से ही ज्योतिष के अभ्यास से आप लोगो के जीवन का गहन अध्ययन करके उनके बीते क्षणो और भविष्य का पूर्वानुमान लगा सकते है। आप ज्योतिष क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यो के प्रति भूतपूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिह जी से कई बार सम्मानित हो चुके है। साथ ही विभिन्न ज्योतिष उपाधियो जैसे ज्योतिष र्मातण्ड, ज्योतिष कोविद, ज्योतिष रत्न से भी सम्मानित है।
पुस्तक के विषयक जानकारी
यह पुस्तक हर उस आम व्यक्ति के लिए एक वरदान है, जो यह जानना चाहता है कि किस तरह कर्म हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं । जनसाधारण की सहुलियत को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में बहुत ही सरल और आम बोल-चाल की भाषा का प्रयोग किया गया है । इस पुस्तक का मूल उद्देश्य यह है कि प्राचीनतम विज्ञान के कुछ मनोहर, गुफा व गहन पहलुओ से पाठकी को परिचित करवाया जाए और इन सब पहलुओ की जानकारी आधुनिक विज्ञान की मदद से दी गई है इसलिए यह पुस्तक पूर्णतया ज्योतिषशास्त्र की पुस्तक नहीं है । इस पुस्तक में आपको ऐसे प्रभावकारी उपायो के बारे में जानकारी दी गई है जिनका प्रयोग करके आप अपने जीवन को एक नई दिशा दे पाएँगे क्योकि यही वह पुस्तक है जो आपको आपके लिए सही जगह और सही समय बताने में आपकी मदद करेगी । साथ ही आपको एक संतुलित और शांतिपूर्ण जीवन जीने में भी यह काफी सहायक सिद्ध होगी।
प्रस्तावना
यह पुस्तक जीवन के बहुत महत्त्वपूर्ण विषय 'ज्योतिष'पर आधारित है । वर्तमान समय में हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में ज्योतिष का आश्रय जरूर लेता है। इसकी इसी महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है। पुस्तक में हालाँकि ज्योतिष से जुड़े विभिन्न पहलुओं एवं पक्षों को बखूबी चित्रित किया गया है. लेकिन इसके साथ ही इसमें कुछ ऐसे विषय भी समाहित हैं जिनके संबंध में पाठक वर्ग पर्याप्त जानकारी हासिल कर पाएगा। इन विषयों के अंतर्गत मुख्य रूप से प्राचीनतम् विज्ञान के कुछ रहस्मयी घटक व उससे जुड़े गुफा गहन पहलुओं का विवरण उल्लेखनीय है।
लेखक की धारणा रही है कि ज्योतिष. विज्ञान के बिना अधूरा है और इसी कारण से लेखक ने कई वर्षों तक अनेक प्रकार के वैज्ञानिक तथ्यों एवं ज्योतिष के बीच की अनसुलझी कड़ियों को सुलझाने का प्रयास करते हुए नतीजन तौर पर इस पुस्तक की रचना की । ज्योतिष विज्ञान को अच्छे से समझने के लिए लेखक द्वारा प्रत्येक ग्रह का आधुनिक वैज्ञानिक आधार पर विचार-विमर्श और विश्लेषण भी किया गया है । वास्तव में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान दर्शन शास्त्र का ज्ञान जितना एक वैज्ञानिक के लिए आवश्यक है' उतना ही एक्? ज्योतिष शास्त्री के लिए भी और इसलिए लेखक ने आधुनिक विज्ञान और ज्योतिष की कड़ियों को जोड्ने का प्रयत्न इस पुस्तक के माध्यम से किया है । पुस्तक में एक ओर जहाँ ज्योतिष शास्त्र और उसके इतिहास का उल्लेख किया गया है वहीं इसमें व्यक्ति को इस बात के लिए भी प्रेरित किया गया है कि भले ही किसी भी व्यक्ति की किस्मत या भाग्य उसे उसके जीवन की विभिन्न परिस्थितियों से रूबरू कराती है लेकिन यदि वह अपने कर्मों में स्थिति के अनुरूप कुछ बदलाव करें तो वह अपने भाग्य पर विजय हासिल कर सकता है । स्थिति के अनुरूप कौन से कमी का चयन किया जाए इसका जवाब भी इस पुस्तक में पाठकों को आसानी मिल पाएगा । चूँकि किसी व्यक्ति की ग्रह दशा भी उसके जीवन को प्रभावित करने वाले कारकों में से प्रमुख है इसलिए उसका विवरण देते हुए उसकी प्रत्येक स्थिति की दशा और उससे व्यक्ति के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की भी चर्चा पुस्तक में की गई है।
वैसे जो ज्योतिषशास्त्र अपने आप में ही एक रोचक विषय है लेकिन उसे और अधिक रोचकपूर्ण बनाने के लिए पुस्तक में राशियों के विभिन्न गुण-दोष बताते हुए
दोषों को दूर करने के उपाय भी सुझाव रूप में दिए गए हैं। साथ ही पुस्तक में कुण्डली विश्लेषण के सिद्धांत के आधार पर कुण्डली विश्लेषण भी किया है क्योंकि ज्योतिष-शास्त्र में जन्म कुण्डली को भली प्रकार से अध्ययन कर पाना सबसे दुष्कर कार्य है। जन्म कुण्डली की तभी भली प्रकार से मीमांसा की जा सकती है, जब व्यक्ति ज्योतिष-शास्त्र के सूत्रों का आधुनिक विज्ञान से समन्वय करे । कई सूत्र जिन पर भली प्रकार से चर्चा हो सकती है, जैसे 'शनिवत् राहु' एवं'कुंज वत केतु'को आधुनिक विज्ञान के आधार पर भली प्रकार समझाया गया है । ज्योतिष विज्ञान के सिद्धांतों की समीक्षा करने और उनका विज्ञान से संबंध स्थापित करने के उपरांत ही निष्कर्षों पर पहुँचा जाना चाहिए। इससे हम अद्भुत परिणाम प्राप्त कर पायेंगे और इस प्रकार कोई भी घटना हमारे सामने से ओझल न हो पाएगी।
ज्योतिष सभी विज्ञानी में सबसे कठिन विज्ञान है। चिकित्सा ज्योतिष संबंधित सही निष्कर्षों की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को मनुष्य के शरीर की रचना के अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली का ज्ञान भी अति आवश्यक है। इसके साथ-साथ इसका आधुनिक विज्ञान से समन्वय भी करना पड़ता है । पुस्तक में लेखक ने योग के बारे में भी चर्चा की है । लेखक द्वारा बताया गया है कि समयानुसार योग का ज्ञान अपनी अवनति के कगार पर है, हालाँकि अनेक योग विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर अनेकों कार्यशालाएँ और योग शिविर लगाए जाते रहे हैं लेकिन इनका लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिल सकता है जो सचमुच अपने जीवन को एक नई दिशा और संतुलन प्रदान करना चाहते हैं और इसी संतुलन की चाह में हमारे वैज्ञानिक योगी-यतियों, ऋषि-मुनियों ने अपने विज्ञान-आधारित आविष्कारों को वेदों और पुराणों में संजोकर रखा था । इन मुनियों ने जो भी विज्ञान के रूप में जाना' वह विज्ञान अत्यंत गूढ़ था । मानवता के हित में इन वैज्ञानिकों ने अपने आविष्कारों को ऐसी भाषा में संग्रहित किया. जो साधारण व्यक्ति की समझ से बाहर था । परंतु लेखक ने इस ज्योतिषीय ज्ञानकोष को सर्व-साधारण के लिए सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है । एक वाणिज्य-स्नातक के विषय में जितना अनभिज्ञ होता है । कहने का तात्पर्य है कि किसी भी व्यक्ति को अपने ज्ञान से इतर ज्ञान पाने के लिए अभ्यास और लगन दो चीजों की आवश्यकता होती है और वह इन्हीं के आधार पर अपने जीवन की अनेक मंजिलों को हासिल कर सकता है । समयानुसार मानव जीवन में अनेकों बदलाव हुए हैं, लेकिन कुछ बदलाव सकारात्मक होते हैं तो कुछ नकारात्मक । इन नकारात्मक पक्षी से छुटकारा कैसे मिलें इसकी जानकारी इस पुस्तक से पाठक वर्ग को मिल जाएगी। आशा है कि पाठक वर्ग की अनेकों समस्याओं से छुटकारा दिलाने में भी यह पुस्तक सहायक होगी।
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