आपने अपनी युवावस्था में ही ज्योतिषाचार्य स्वर्गीय भा. रा. खांगावकरजी के मार्गदर्शन में ज्योतिषशास्त्र का गहरा अध्ययन किया! सन-१९७७ से आप ज्योतिषशास्त्र सबंधित मराठी मासिक पत्रिका ग्रहांकित के प्रकाशक एवं संपादक है! इस मराठी पत्रिका का स्थान खास करके दीपावली विशेषांक के रूप में अन्य लोकप्रिय मासिक पत्रिकाओं मेंअग्रणी है! इस पत्रिका के बड़े पैमाने पर ग्राहक है तथा इसकी खपत भी! मराठी भाषिक लोगों में यहाँ पत्रिका बहुचर्चित है! एक दिवसीय क्रिकेट मैचों का भविष्य रमल भविष्य के अनुसार किस कदर सही सिध्द होता है, इसका आप ने गहरा अध्ययन किया है और सही - सही नतीजा मैच शरू होने से पूर्वानुमान के तौर पर घोषित करने में सफलता पाई है सन २००३ में हुई विश्वचषक स्पर्धा के अंतगर्त सभी टीमों का ब्योरेवार अभ्यास आपने किया था एवं अंतिम जीत किस देश की होगी, सुपर सिक्स में कौन कौन होगा आदि का अनुमान आपने ने पहले ही घोषित कर दिया था! जिसे जाने माने अख़बारों ने उस समय अपनी पत्रिकाओं में छाप भी दिया था!
पिछले बीस वर्षों से अधिक समय से आप रमल के अध्यापन में कार्यरत है! आप के द्वारा लिखी गई पुस्तक रमल प्रवेश के चार संस्करण प्रसिध्द हो चुके है! रमल तथा दिन वर्ष पध्दति पर समूचे भारत भर में आप के व्याख्यान हो चुके है! पुणे के भालचंद्र ज्योतिविर्द्यालय में स्थापना १९३५ भारतभर के अन्य ज्योतिषविषयक विद्यालयों की तुलना में सर्वाधिक विषयों का अध्यापन किया जाता है! आप इसी विद्यालय में वर्तमान कार्याध्यक्ष का कार्य कर रहे है!
विशेष उल्लेखनीय बात या है की २००५ के दीपावली ग्रहांकित पत्रिका की खपत इतनी अधिक रही की उस महीने में उसके तीन संस्करण प्रकाशित करने पड़े थे! यह अपने आप यहाँ अपने आप में एक विक्रम ही था! जिसके लिए महाराष्ट्र ग्रामीण पत्रकार संघ ने महाराष्ट्र सरकार में विरोधी पक्ष नेता श्री. रामदास कदम (शिवसेना विधायक) के हाथों ७ जनवरी २००६ की आप को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया !
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