डॉ० विभा अग्निहोत्री: डॉ० विभा अग्निहोत्री सम्प्रति नारी शिक्षा निकेतन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कैसरबाग, लखनऊ में मानव विज्ञान विभाग में एसोसियेट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष हैं। आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से 1986 में मानव विज्ञान से एम०ए० (गोल्ड मेडिलिस्ट) करने के उपरान्त अध्यापन तथा शोधकार्य किया। यू०जी०सी० की रिसर्च फैलो के रूप में उत्तर प्रदेश के 5 अन्तर्विवाही ब्राह्मणों के ऊपर गहन मानव वैज्ञानिक क्षेत्रकार्य किया। उपरोक्त के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं, यू०जी०सी० की लघु शोध परियोजना एवं आई०सी०एस०एस०आर० के अन्तर्गत लखनऊ की दलित महिलाओं एवं बालिकाओं पर शोध कार्य किया जिस पर आधारित डेढ़ दर्जन से भी अधिक शोध पत्र एवं लेख राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। आपने 23 से भी अधिक देशों में अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये हैं, जिसके लिये आपको यू०जी०सी० एवम् आई०सी०एस०एस०आर० से फेलोशिप भी प्राप्त हुई है। डा० विभा अग्निहोत्री "वाइस ऑफ इन्टलेक्चुअल मैन" नामक अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका की सम्पादक होने के साथ-साथ "इंडियन जर्नल ऑफ फिजिकल एन्थ्रोपोलोजी" (आई०जी०पी०ए०) एवं "ईस्टर्न एंथ्रोपोलॉजिस्ट" नामक शोध पत्रिका की सहायक सम्पादक भी हैं। आपके द्वारा मानव शास्त्र में कई पुस्तकों का लेखन किया गया, जिनमें से 'मानव और उसकी भौतिक संस्कृति', 'मानवशास्त्रीय एवं समाजशास्त्रीय अनुसंधान', 'मानव शास्त्र का परिचय', 'प्रयोगात्मक भौतिक मानव विज्ञान', 'प्रयोगात्मक शारीरिक मानव विज्ञान', 'उद्विकासीय मानव विज्ञान', 'सामाजिक मानव विज्ञान की रूपरेखा', 'भारतीय संस्कृति के मूल तत्व', आनुवंषिकीय एवं प्रजातीय मानवविज्ञान, 'भारतीय संस्कृति का धार्मिक स्वरूप एवं वैज्ञानिकता', 'अध्यात्म ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड उपचारीय ज्योतिष' व 'वैवाहिक ज्योतिष' प्रमुख हैं। आप अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संगठनों से सक्रिय रूप से सम्बद्ध है।
डॉ० पूजा अग्रवाल: डॉ० पूजा अग्रवाल, पिछले तेरह वर्षों से मानवशास्त्र के क्षेत्र में अध्यापन कार्य में संलग्न है। आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से 2003 में मानवविज्ञान से एम.ए. करने के उपरान्त अध्यापन तथा शोध कार्य किया। इन अध्ययनों के पश्चात् यू.जी.सी. नेट व लखनऊ के अग्रवाल समूहों के ऊपर गहन मानव वैज्ञानिक क्षेत्रकार्य किया व इन अध्ययनों पर आधारित आपने एक दर्जन राष्ट्रीय व कई अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में आपने शोधपत्र प्रस्तुत किये। पूर्व में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तकों में आपके अध्याय व शोधपत्र भी प्रकाशित हुये हैं। वर्तमान में दस वर्षों से नारी शिक्षा निकेतन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कैसरबाग, लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। उपरोक्त के अतिरिक्त आपकी भारतीय संस्कृति के मूलतत्व नामक पुस्तक सहलेखिका के रूप में प्रकाशित हुई।
डॉ० रश्मि मिश्रा: आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से सन् 1998 में मानवविज्ञान से एम.ए. करने के उपरान्त शोध कार्य किया जो भोक्सा जनजाति की पारिस्थितिकीय व औषधीय ज्ञान पर आधारित था। इस शोध कार्य पर आधारित कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्र प्रस्तुत किये व साथ ही कई शोध पत्रिकाओं में आपके शोधपत्र भी प्रकाशित हुए हैं तथा साथ ही भोक्सा जनजाति पर इनकी पुस्तक द स्टडी ऑफ इकोलॉजी, डीमोग्राफी एण्ड जेनेटिकल ट्रेट्स ऑफ भोक्सा भी प्रकाशित हो चुकी है। आपने लखनऊ विश्वविद्यालय में भी कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य किया है। डॉ० रश्मि मिश्रा वर्तमान समय में 'नारी शिक्षा निकेतन' में कार्यरत हैं।
'मानवशास्त्र की उत्पत्ति एवं इतिहास' का यह संस्करण स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षा में सम्मिलित नवीन पाठ्यक्रम को दृष्टि में रखते हुए लिखा गया है। पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य मानवशास्त्र की उत्पत्ति एवं इतिहास से छात्र-छात्राओं को परिचित कराना है। प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से मानवशास्त्र एवं उसकी विभिन्न शाखाओं की उत्पत्ति, संवर्धन, इतिहास तथा उपयोगिता के विषय में सरल एवं बोध ागम्य भाषा में विद्यार्थियों को परिचित कराने का प्रयास किया गया हैं।
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12492)
Tantra ( तन्त्र ) (986)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1890)
Chaukhamba | चौखंबा (3352)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1442)
Yoga ( योग ) (1093)
Ramayana ( रामायण ) (1389)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (23045)
History ( इतिहास ) (8221)
Philosophy ( दर्शन ) (3378)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2531)
Vedanta ( वेदांत ) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist