तलाकशुदा निक्की की शादी एक बच्ची के पिता और तलाकशुदा संपादक वरिन से होती है और दोनों एक दूसरे के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप का वादा करते हैं। वीरेन अखबार निकालने में व्यस्त हैं, जबकि निक्की कला-दीर्घाओं और संगीत समारोहों में समय बिताती है। कई सुबह तो सबसे बड़ा प्रश्न यह होता है कि वह आज किस तरह अपना दिन व्यतीत करे?
इस पुस्तक में विचारधाराओं के प्रति आकर्षण व उनका खोखलापन और परिवार नाम की संस्था का महत्त्व व उसकी कमजोरियाँ दर्शाई गई हैं। इसमें कच्ची उम्र का प्रेम, अलगाव, जीवन की आपाधापी और कई तरह के पछतावे भी हैं। असली स्वतंत्रता क्या है और मनुष्य के जीवन में स्मृतियों का क्या महत्त्व है. इस पर पुस्तक में गहराई से विचार किया गया है।
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