• प्रेमचंद हर व्यक्ति की, पूरे समाज की और देश की समस्याओ को सुलझाना चाहते थे, पर हिंसा से नहीं, विद्रोह से नहीं, अशांति से नहीं और अनयक्ता से नहीं | वे समस्याओ को सुलझाना चाहते थे प्रेम से, अहिंसा से, शांति से सौहार्द से, एकता से और बन्धुता से |
• प्रेमचंद आदर्श का झण्डा हाथ में लेकर प्रेम, एकता, बन्धुता, सौहार्द और अहिंसा के प्रचार में जीवनपर्यन्त लगे रहे | उनकी रचनाओ में उनकी यही विशेषताएँ तो है |
• प्रेमचंद जनता के कथाकार थे | उनकी कृतियों में समाज के सुख-दुःख, आशा-आकांक्षा, उत्थान-पतन इत्यादि के सजीव चित्र हमारे हृदयो को हमेशा छूते रहेंगे | वे रवीन्द्र और शरद के साथ भारत के प्रमुख कथाकार थे जिनको पढ़े बिना भारत कोई समझना संभव नहीं |
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