लेखकीय
प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग परिवर्द्धित एवं संशोधित संस्करण के सम्बन्ध में-प्रिय पाठक,
सप्रेम अभिवादन
प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का प्रस्तुत नवीन संस्करण समग्र रूप से परिवर्द्धित एवं संशोधित संस्करण है। प्रस्तुत पुस्तक का पाठकों ने अब तक भरपूर लाभ उठाया है। लेखक की यह सर्वाधिक लोकप्रिय पुस्तक है जिसकी प्राकृतिक चिकित्सा के विद्यार्थी, चिकित्सकों ने खूब प्रशंसा की है। प्रस्तुत पुस्तक की लोकप्रियता एवं प्रस्तुत पाठ्य सामग्री को ध्यान में रखते हुए मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ द्वारा संचालित नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी पुणे ने इसे प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया है, इतना ही नहीं, राजस्थान शिक्षा बोर्ड ने 1986 में ही प्रस्तुत पुस्तक को 10+2 के पाठ्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षा की दृष्टि से एक प्रमाणित, श्रेष्ठ एवं उपयोगी पुस्तक मानते हुए मान्यता प्रदान की है।
प्रस्तुत संशोधित एवं सम्बर्द्धित पुस्तक को अत्यन्त जनोपयोगी बनाने के लिये इसमें गत तैंतीस साल के नये अनुभव, ज्ञान, शोध एवं अध्ययन को समाविष्ट कर पुस्तक को आरोग्य की दृष्टि से बहुआयामी एवं समृद्ध बनाया गया है। प्रस्तुत अध्याय में जो नये अध्याय जोड़े गये हैं उनमें रोगी एवं चिकित्सक के मध्य के सम्बन्धों को खास रूप से सरल शब्दों में निरूपित किया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा का मूल आधार ही रोग-निवारण जीवनीशक्ति है। यह जीवनीशक्ति क्या है, इसे कैसे बढ़ाया जाये, इस पर सविस्तार ढंग से अनुभवगम्य वैज्ञानिक जानकारी दी गयी है?
जीव-जगत के प्रत्येक प्राणी एवं वनस्पति के अन्दर जीवनीशक्ति को संचालित करने के लिये एक जैविक घड़ी होती है जिसे बायोलॉजिकल या सरकेडियन क्लॉक कहाँ जाता है। इस जैविक घड़ी पर सर्वाधिक प्रभाव सूर्य का होता है। इसके अतिरिक्त अन्य ग्रह भी इसे प्रभावित करते हैं, इसका खुलासा शोधपूर्ण अध्ययन जैविक घड़ी एवं प्राकृतिक चिकित्सा अध्याय में किया गया है। प्राकृतिक रंग खाने से स्वास्थ्य कैसे प्रभावित होता है, हर प्राणी का जीवन आयु एवं स्वास्थ्य साँस की गति पर निर्भर करता है । इसकी सटीक एवं शोधपूर्ण जानकारी ध्यान चिकित्सा, मौन चिकित्सा, प्रार्थना चिकित्सा में दी गयी है।
हमारे विचार से इनमें अतुलनीय, असीम स्वास्थ्य-सामर्थ्य है। प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा यौवन सुरक्षा आदि विषयों की सशक्त एवं समर्थ अभिव्यक्ति एवं प्रतिपादन हेतु अनेक नवीन अनुसंधान से परिपूर्ण अध्याय जोड़े गये हैं जो पुस्तक को और अधिक सर्वग्राह्य, सर्वोपयोगी, सर्वसाध्य, सुबोध, सहज, सरल एवं वैज्ञानिक बनाते हैं। जिस किसी के जीवन में रोग, विषाद, शोक, दुःख, पीड़ा, चिन्ता, संताप, बीमारी है, वह मात्र यही सूचना देता है कि जिस रास्ते पर चलना चाहिये था, उस रास्ते पर नहीं चल रहे हैं। जैसा जीवन जीना चाहिये था, वैसा नहीं जी सके हैं। जीवन के विरोध, उल्लंघन एवं निषेध का रास्ता ही दुःख, पीड़ा, रोग, शोक, बीमारी पैदा करता है। यदि हम किसी सीधी सड़क पर नियमों के अनुसार चलते है तो टकराने का भय नहीं रहता है। न काँटा चुभता है, न कंकड़ या पत्थर से ठोकर लगती है। बीमारी एवं स्वास्थ्य के सम्बन्ध में भी यही सूत्र-लागू होगा।
प्रकृति के नियमों के अनुसार स्वास्थ्य के राजपथ पर चलेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। यदि प्रकृति के नियमों का विरोध करते हुए उबड़-खाबड़, झाडू -झंखाड़, कंकड़- पत्थर वाले पथ पर चलो तो दु:ख, पीड़ा. विषाद एवं बीमारी होगी ही। जीवन में दु:ख, पीड़ा या विषाद हैं, इसका सीधा सा अर्थ है कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं वह सही नहीं है। सुख, आनन्द, स्वास्थ्य, कुरूपता एव सौन्दर्य, क्रोध एवे अक्रोध, अनल एवं अमन का मापदंड यही है। जिस रास्ते पर चलने से चित्त बैचैन, अशांत, रुग्ण एवं दु:खी होता रहे, वह बीमारी एवं संताप का रास्ता है तथा जिस रास्ते पर चलने से चित्त प्रेम, स्नेह, उदारता, मैत्री, करुणा, शील एवं सौन्दर्य से भरकर बरस जाता है, वह सुख, स्वास्थ्य, शांति, आरोग्य एवं आनन्द का रास्ता है।
प्रस्तुत पुस्तक के अध्ययन से इस वैज्ञानिक ध्रुव सत्य का उद्घाटन होता है जो आपके जीवन को रूपान्तरित कर देता है। उल्लासित, आनन्दित एवं हर्षित कर देता है। आरोग्य एवं आनन्द सही एवं सहज जीवन का प्रतीक है । बीमारी एवं विषाद गलत एवं अराजक जीवन जीने का परिणाम है।
आशा है कि हमारे सजग एवं प्रबुद्ध पाठक पुस्तक को अवश्य पसन्द करेंगे तथा अपने विचारों से अवगत करायेंगे। पुस्तक हमने आपके लिये लिखी है, इसमें कहीं कोई त्रुटि हो तो हमें अवश्य बतायें तथा अन्य कोई सुझाव हो तो हमें लिखें ताकि अगले संस्करण में इसे और पठनीय एवं उपयोगी बनाया जा सके ।
ऐसी पुस्तकें जीवनग्रन्थ होती हैं जो सदियों-सदियों से भटक रहे लाखों निराश रोगियों को स्वास्थ्य की दिशा में सही मार्गदर्शन करती हैं। स्वास्थ्य स्वावलम्बन का पाठ पढ़ाती हैं। रोगमुक्ति एवं स्वास्थ्य प्राप्ति के लिये इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य की सुरक्षा, सम्बर्द्धन तथा रोग दूर करने वाली शक्ति आपके अन्दर ही सन्निहित है। आपका डॉक्टर आपके अन्दर ही है किन्तु वह मूर्च्छित एवं बेहोश पड़ा है, इसलिये आप बीमार हैं । अन्दर छिपे बेहोश एव मूर्च्छित डॉक्टर को जगाने का काम प्रस्तुत पुस्तक करती है। कैसे करती है, इसका पता पुस्तक पढ़ने पर ही होगा।
आशा है कि आप सभी सकुशल, स्वस्थ एवं सानन्द होंगे। पुन:आप सभी के दिव्य सौन्दर्य, स्वास्थ्य, सुख, शांति, समृद्धि, शील, समता, सम्पन्नता, सुयश, सौभाग्य, शौर्य, साहस एवं सहज जीवन की मंगल कामना के साथ। पुस्तक पढ़ने के बाद पत्रोत्तर अवश्य दें ।
अनुक्रमणिका
समर्पण
iii
आमुख
iv
v
1
रोगी चिकित्सक एव चिकित्सा
2
प्रकृति, स्वास्थ्य एवं स्वतंत्रता
5
3
कीटाणु, रोग और हमारा स्वास्थ्य
10
4
प्राकृतिक चिकित्सा एवं जीवनीशक्ति
12
स्वास्थ्यरक्षक जीवनीशक्ति के चमत्कारी सुरक्षा प्रहरी
20
6
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को शक्तिशाली बनाने के प्राकृतिक उपाय
27
7
प्राकृतिक चिकित्सा क्या, क्यों और कैसे?
37
8
प्राकृतिक चिकित्सा की दृष्टि से रोगोत्पति एवं रोग विकास
42
9
रोगों की प्राकृतिक चिकित्सा
46
जैविक घड़ी एवं प्राकृतिक चिकित्सा
48
11
उपवास और हमारा स्वास्थ्य
62
बरसी तप का वैज्ञानिक महात्म्य
72
13
आहार चिकित्सा : स्वास्थ्य, पोषण और आहार
75
14
जीवन तत्वों का संक्षिप्त विवरण
79
15
विटामिन और हमारा स्वास्थ्य
81
16
खनिज लवण और हमारा स्वास्थ्य
84
17
विभिन्न प्रकार के कुछ प्रमुख जैविक आहार
89
18
जैविक अंकुरित आहार विज्ञान की कसौटी पर
94
19
प्रकृति का चमत्कार, रसाहार द्वारा रोगोपचार
103
आहार सम्बन्धी वैज्ञानिक अनुसंधान
111
21
फास्टफूड और स्वास्थ्य
127
22
प्राकृतिक रग खाइये कैन्सर को भगाइये
131
23
योग चिकित्सा हमारा स्वास्थ्य
135
24
आसन एव व्यायाम
137
25
योग के अंग
153
26
आसन
154
बैठकर किये जाने वाले आसन
162
28
लेटकर किये जाने वाले आसन
173
29
प्राणायाम
192
30
स्वास्थ्य का राज सही श्वास-प्रश्वास क्रिया
196
31
दीर्घायु का रहस्य साँस का नियमन
198
32
षट्कर्म क्रियाएँ
202
33
ध्यान चिकित्सा
206
34
आस्था, विश्वास और प्रार्थना चिकित्सा
209
35
स्वकल्प चिकित्सा
217
36
जल चिकित्सा
233
जल चिकित्सा के आकस्मिक प्रयोग
258
38
मिट्टी चिकित्सा
260
39
सूर्य चिकित्सा
266
40
वायु चिकित्सा वायुस्नान
273
41
स्पॉट रिफ्लेक्स जोन या एम्यूप्रेशर थैरेपी
276
सम्यक् श्रम चिकित्सा
279
43
चुम्बक चिकित्सा
284
44
वैज्ञानिक मालिश चिकित्सा
286
45
संगीत चिकित्सा
289
स्वास्थ्यदायक आत्म-सम्मोहन
292
47
आँखों का स्वास्थ्य
294
दाँतों का स्वास्थ्य
298
49
त्वचा का स्वास्थ्य
299
50
बालों स्वास्थ्य
301
51
स्वस्थ अंग-विन्यास
303
52
सैर करें जरा सँभल
306
53
स्वास्थ्य एव सफलता की आसान करती है मधुर मुस्कान
310
54
मन ही रोगी ही चिकित्सक
313
55
स्वास्थ्य जागरण का महाविज्ञान ध्यान
315
56
सम्पूर्ण स्वास्थ्य परिपूर्ण विज्ञान योग
321
57
आध्यात्मिक आर्य मौन चिकित्सा
325
58
हास्योपचार का उपहार आनन्दोल्लास
333
59
करिश्माई आविष्कार के चमत्कार से असाध्य रोगों का उपचार
342
60
प्राकृतिक चिकित्सा पुस्तक के सम्बध में प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं व
विद्वानों की सम्मतियाँ
352
61
योग प्राकृतिक चिकित्सा एव स्वास्थ्य सेवा को समर्पित नागेन्द्र नीरज
355
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