Item Code: | HAA212 |
Publisher: | Sangeet Karyalaya, Hathras |
Author: | प्रभुलाल गर्ग: (Prabhulal Garg) |
Language: | Hindi |
Edition: | 2016 |
ISBN: | 8185057400 |
Pages: | 202 |
Cover: | Hardcover |
Other Details | 7.5 inch X 5.5 inch |
Weight | 240 gm |
प्राक्कथन
जैसा कि इस पुस्तक का नाम हे म्यूज़िक मास्टर यानी हारमोनियम, तबला और बाँसुरी गाइड, इसमें क्रमश इन्हीं तीन विषयों की प्रारभिक शिक्षा दी गई है हारमोनियम शिक्षा का ढंग (सरगमों के साथ नंबर देकर) इतना सरल रखा गया है कि परिश्रमी विद्यार्थी बिना शिक्षक के भी हारमोनियम बजाना बड़ी सुगमतापूर्वक सीख सक्ता है हारमोनियम के पुर्ज़ों की जानकारी तथा उनकी मरम्मत आदिके विषय में सरल तरकीबें लिखकर पुस्तक को अधिकाधिक उपयोगी बनाने की चेष्टा की गई है । इसी प्रकार तबला और बाँसुरी कई सुबोध और सचित्र शिक्षा भी इस पुस्तक के महत्वपूर्ण अग बन गए हैं। संगीत के प्राथमिक विद्यार्थियों (नवसिखियों) के लिए यह पुस्तक एक योग्य शिक्षक का काम दे सकती है । पुस्तक के अंतिम पृष्ठों में स्वरलिपि रहित द्य गीत, गजल तथा पद इत्यादि भी दिए गए हैं इनके रचयिताओं के हम विशेष आभारी हैं।
इस पुस्तक की विशेषताओं ने बहुत से अहिंदी भाषी सगीत प्रेमियों को भी आकर्षित किया हे वषों से उनके अनुरोथ भरे पत्र हमें प्राप्त हो रहे थे कि इस पुस्तक का उर्दू सस्करण अवश्य छापिएघ्न फलस्वरूप इसका उर्दू सस्करण भी प्रकाशित कर दिया गया है आशा है, संगीत सीखने वाले इससे लाभ उठाएँगे।
विषय |
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प्रथम अध्याय हारमोनियम शिक्षा |
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हारमोनियम का वर्णन |
9 |
बाजा बजाने की विधि |
12 |
उँगली चलाने का कायदा |
12 |
दोनों हाथों से बजाना |
12 |
स्वर |
12 |
सप्तक |
13 |
स्वरों का नंबरों सहित ब्यौरा |
13 |
शुद्ध सरगम निकालना |
14 |
चिन्ह परिचय |
16 |
आवश्यक सूचना |
17 |
नंबरों सहित नक़्शा |
18 |
उदाहरण |
19 |
सरल गाने |
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ओ३म् जय जगदीश हरे |
20 |
मेरे शंभु कैलाश |
22 |
लै गयी चीर मुरारी |
23 |
राम कहने का मजा |
24 |
काया का पिंजरा डोले |
25 |
आई ऋतु बसंत सजनी |
27 |
जग झूठा रे सारा |
29 |
होली आज जरे चाहे |
31 |
हरित भूमि तृण |
32 |
हम आज मिलके |
34 |
दिखा दो फिर वही |
35 |
देखा जो हुस्ने यार |
36 |
भला गरूर न कर |
37 |
दिन की आहे न गई |
38 |
दो फूल साथ फूले |
39 |
सुरतिया देखे बिना |
40 |
कोयलिया काहे करे |
42 |
बाबरी प्रीति करो मत |
44 |
बरसि गयी, बरसि गयो |
45 |
करम गति टारे नाहिं |
47 |
रटना लागी पिया के |
49 |
यह भेद सरासर |
51 |
राग रागिनी वर्णन |
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राग रागिनी के विषय में |
52 |
बाजे के संपूर्ण स्वरों का चक्र |
53 |
12 स्वरों के अँग्रेजी नाम |
53 |
राग रागनियों की किस्में |
54 |
स्वर भेद |
54 |
ताल, सम, मात्रा वर्णन |
55 |
6 राग, 30 रागिनी |
56 |
स्वरलिपि चिह परिचय |
60 |
राग रागिनी गाने का समय |
62 |
स्वर साधना |
64 |
राग ईमनकल्याण |
67 |
राग मारवा |
70 |
राग मालकौंस |
72 |
राग खम्माज |
74 |
झिंझोटी ठुमरी |
76 |
रागिनी भैरवी |
79 |
केदारचाँदनी |
82 |
राग भैरव |
85 |
अंतर में तू ज्वार छुपाए |
88 |
इस सोते संसार बीच |
94 |
पागल प्रेमी, प्रेम में |
101 |
स्वरलिपि से गाने निकालना |
108 |
मेरे अँगने में |
109 |
अय मालिक, तेरे बंदे |
117 |
हम पार किया तो डरना क्या |
120 |
जादूगर सैयाँ, छोड़ो मोरी |
126 |
सावन का महीना |
132 |
कहीं दीप जले कहीं दिल |
137 |
रागों का शास्त्रीय विवरण |
143 |
गायक के सोलह श्रृंगार |
153 |
हारमोनियम बाजे की मरम्मत |
154 |
हारमोनियम पर पालिश |
156 |
द्वितीय अध्याय तबला शिक्षा |
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ताल वाद्यों के विषय में |
158 |
ताल वर्ण |
159 |
तबले पर निकलने वाले बोल |
160 |
कुछ मुख्य तालें |
162 |
मुख्य मुख्य तालों के रूप |
167 |
तृतीय अध्याय बाँसुरी शिक्षा |
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बाँसुरी के प्रकार |
168 |
बाँसुरी बजाने से पहले |
170 |
बाँसुरी में सरगम |
172 |
बाँसुरी में शुद्ध विकृत स्वर |
173 |
बाँसुरी में श्रुति दर्शन |
177 |
बाँसुरी में 25 स्वरस्थान |
179 |
बाँसुरी में अलंकार (पलटे) |
180 |
बाँसुरी में गत, राग यमन |
182 |
बाँसुरी में गत, राग भूपाली |
184 |
गायन संग्रह (बाजे पर निकालने के लिए कुछ गाने) |
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अरी एरी सखी |
187 |
चल देख अली |
187 |
तू क्या उम्र की |
188 |
कह दो कोई |
188 |
करेगा इस ज़माने |
189 |
काहे न मंगल गावे |
189 |
निर्दयी संग खेली होरी |
189 |
क्या तुमने दिल लिया |
190 |
दिल लेते ही मिज़ाज |
190 |
मैं ज़रा होश में |
190 |
साँवरे घनश्याम तुम |
191 |
हाय क्या पूछते हो |
191 |
उनसे कहा पहचान |
192 |
भरी गगरी मोरी |
192 |
गगरिया भरने दे |
192 |
जनन बताय जा |
193 |
पसंद आया है |
193 |
उसने कहा मैं |
194 |
दिल किस अदा से |
194 |
बेवफ़ाई से कभी आप |
195 |
राष्ट्रीय गीत तथा प्रार्थना |
196 |
रघुपति राघव राजाराम |
196 |
जन गण मन अधिनायक |
196 |
हम भारत माँ के वीर पुत्र |
196 |
वन्दे मातरम् |
197 |
झण्डा ऊंचा रहे हमारा |
198 |
वैष्णव जन तो तेने कहिये |
198 |
जै जै प्यारा भारत |
199 |
जय हे राष्ट्र निशान |
199 |
गीत |
200 |
होली गीत |
200 |
हरि ओन् तत्सत् |
201 |
रोम रोम में रास है |
201 |
भारत देश महान् है |
202 |
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