नम्र निवेदन
भगवत्प्रेमको मोक्षसे भी ऊँचा माना गया है । उसे प्राप्त करनेका मुख्य उपाय सन्तोंने बताया है- भगवान्को अपना मानना । मीराबाईने इसी उपायको अपनाया था । ' मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई- यही मीराबाईकी एकमात्र साधना थी । प्रस्तुत पुस्तकमें परमश्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराजके ' मेरे तो गिरधर गोपाल 'आदि पन्द्रह लेखोंका अनूठा संग्रह है । भगवत्प्रेमी साधकोंके लिये ये लेख बहुत उपयोगी एवं सुगमतापूर्वक परमात्मप्राप्ति करानेमें विशेष सहायक हैं । पाठकोंसे नम्र निवेदन है कि वे इस पुस्तकको ध्यानपूर्वक पढ़ें, समझें और लाभ उठायें ।
विषय-सूची
विषय
पृं.सं
1
मेरे तो गिरधर गोपाल
2
कामना, जिज्ञासा और लालसा
9
3
अभेद और अभिन्नता
16
4
मानवशरीरका सदुपयोग
22
5
सच्ची आस्तिकता
35
6
संसारका असर कैसे छूटे
41
7
अभिमान कैसे छूटे
49
8
सा धक, साध्य तथा साधन
58
साधक कौन
66
10
मुक्ति स्वाभाविक है
75
11
हम कर्ता - भोक्ता नहीं हैं
82
12
अक्रियतासे परमात्मप्राप्ति
89
13
अलौकिक प्रेम
94
14
रासलीला- प्रति क्षण वर्धमान प्रेम
107
15
अनिर्वचनीय प्रेम
110
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