ये क्रांतिगीत हैं, जिन्हें देश के लोह-लाड़लों ने लिखा और करोड़ों देशवासियों ने गाया और उन्हें अपनी आज़ादी की लड़ाई का अर्थ समझाया। ये गीत रचे गए और रचनाकारों को न जेल के अंधेरे डरा सके, न ब्रिटिश सरकार की यातनाएँ झुका सकीं। क्रांति के ये गीत छपने के साथ ही ब्रिटिश सरकार द्वारा ज़ब्त कर लिए गए थे, पर चलता रहा यह अटूट सिलसिला, इनकी गुंजार से कांपते रहे अंग्रेज़ शासकों के कलेजे।
यह पुस्तक अपने-आप में प्रामाणिक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है। बिहार राज्य के अभिलेखागार के दस्तावेज़ों के आधार पर इन गीतों का संकलन किया गया है। गीतों के साथ जब्ती के शासनादेश मूल-रूप में दिए गए हैं।
यह संकलन काव्य-प्रेमियों, जिज्ञासुओं और शोधार्थियों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।
किसी भी युग का साहित्य तत्कालीन समाज का दर्पण होता है। बिहार राज्य में स्वतंत्रता संग्राम के समय जन-मानस को आन्दोलित तथा उत्प्रेरित करने के महान् उद्देश्य से लिखी हुई इन प्रेरणादायक रचनाओं के छपते ही ब्रिटिश सरकार ने इन पर प्रतिबंध लगा दिया और ये न केवल ब्रिटिश साम्राज्य की धरोहर बनकर रह गई, अपितु राज्य अभिलेखागार की चार-दीवारी में ही लुप्त हो गई। चोरी-छिपे जो जनता तक पहुँच पाई, उन्हें स्वतन्त्रता सेनानियों का अपेक्षित स्वर मिला, लेकिन इनके गाने पर भी उन्हें कारागार की यातना सहनी पड़ी।
किन्तु कारागार के कपाटों के पीछे भी कवियों का लेखन जारी रहा। स्वयं मैंने तीन दर्जन से अधिक आजादी के तरानों की रचना अपने कारावास काल में की किन्तु कारागार में वे भी जब्त हो गईं।
कारागार में कवियों ने कागज-कलम न मिलने पर भी जेल के फर्श और दीवारों पर कोयले के टुकड़ों से काव्य-रचना की, उन्हें कण्ठस्थ कर गाया और देशभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित रखते हुए दूसरों को प्रेरणा दी।
यह संकलन स्वतंत्रता संग्राम के उस महत्त्वपूर्ण भाग का संक्षिप्त विवरण है जहां न धार्मिक भेद-भाव था, न वेश-भूषा और विचारधारा की भिन्नता और न ही कोई भाषायी पक्षपात या क्षेत्रीय संकीर्णता। एक दृढ़ निश्चय था जिसने सबको एकसूत्लता में बाँध रखा था। स्वाधीनता संग्राम में जो भाषायिक, राष्ट्रीय एवं धार्मिक एकता हमारे सामने आई उसी के आधार पर हम यह आशा करते हैं कि नई पीढ़ी भी एकस्वर होकर नवीन सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता के संघर्ष में आधुनिक भारत का निर्माण करेगी तथा देश की भावनात्मक एकता, धर्म-निरपेक्षता एवं अखण्डता को अक्षुण्ण रखेगी।
राज्य सरकार के अभिलेखागार के अभिलेखों के आधार पर 'क्रान्ति गीतांजलि' जब्तशुदा कविताओं का संकलन विहार राज्य द्वारा देश-भर में अग्रणी प्रयास है। आशा है, इससे नवजवानों तथा शोधकर्ताओं को प्रेरणा मिलेगी।
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