पुस्तक के विषय में
हमारे देश में धर्म संस्कार की बड़ी महिमा है | ये संस्कार जन्म से लेकर मृत्यु तक साथ साथ चलते है | जीवन को श्रद्धा और आस्था से पूर्ण बनाने तथा अनुशासित करने के लिए सदैव इनकी आवश्यकता बनी रहती है | हमारे यहां १६ संस्कारों को मान्यता प्राप्त है , जो हमे नियमपूर्वक जीवन जीने के तरीके सिखाते है | इन पर चलकर ही व्यक्ति संस्कारवान, गुणी और धार्मिक बनता है | इन्हें शुभ और फलदायी मन गया है |
इस ग्रंथ की रचना की है प्रकांड पंडित, ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता सुरेश श्रीमाली ने, जो एक दशक से भी अधिक समय से ज्योतिष और अध्यात्म के क्षेत्र में सूर्य की तरह चमक रहे है | श्रीमाली जी ३२ से भी अधिक देशो में एक जाना मन नाम है | उनके कार्यक्रम कई चैनलों से टेलीकास्ट होते है और 'ग्रहों का खेल' ज्योतिष पत्रिका ने कीर्तिमान बनाया है | उन्होंने आध्यात्मिक साधना सिद्धि ट्रस्ट की भी स्थापना की है, जो असहाय, उपेक्षित और पीड़ित लोगो की सेवा करता है |
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