यह पुस्तक 'अवहट्ठ' कही जाने वाली भाषा के स्वरूप तथा कीर्तिलता की भाषा के विस्तृत विवेचन के साथ ही साथ कीर्तिलता के पाठ का संशोधित रूप भी प्रस्तुत करती है। यद्यपि यह लेखक की एतद्विषयक आरम्भिक रचना ही है, तथापि इससे उनकी विवेचना-शक्ति का बहुत अच्छा परिचय मिलता है। कई स्थानों पर उन्होंने पूर्ववती मतों का युक्तिपूर्वक निरास भी किया है....।
डॉ. शिवप्रसाद सिंह: 29 अगस्त 1929 को जमालपुर, जमानिया बनारस में पैदा हुए शिवप्रसाद सिंह ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से 1953 में एम.ए. (हिन्दी) किया। 1957 में पी-एच. डी। सेवानिवृत हो कर साहित्य सृजन में अनवरत लगे रहे, तत्पश्चात 28 सितम्बर, 1998 में मृत्यु हुई।
शिक्षा जगत के जाने-माने हस्ताक्षर शिवप्रसाद सिंह का साहित्य की दुनिया में शीर्ष स्थान प्राप्त है। प्राचीन और आधुनिक, दोनों ही समय के साहित्य से अपने गुरु हज़ारीप्रसाद द्विवेदी की तरह समान रूप से जुड़े शिवप्रसाद जी 'नई कहानी' आन्दोलन के आरम्भकर्ताओं में से है है। कुछ लोगों ने उनकी 'दादी माँ' कहानी को पहली 'नई कहानी' माना है।
प्रस्तुत पुस्तक को शिवप्रसाद जी ने एम० ए० (१६५३) के एक प्रश्नपत्र के स्थान पर निबन्ध के रूप में लिखा था। आरंभ में अवहट्ठ भाषा का स्वरूप और कोतिलता का माषाशास्त्रीय विवेचन इस निबंध का वक्तव्य विषय था। बाद में कीर्तिलता के मूल पाठ को भी, नये रूप में संशोधन करके, इसमें जोड़ दिया गया। इस प्रकार यह पुस्तक अवहट्ठ कही जाने वाली भाषा के स्वरूप तया कीर्तिलता की भाषा क विस्तृत विवचन के साथ ही साथ कीर्तिलता के पाठ का संशोधित रूप भी प्रस्तुत करती है। यद्यपि यह लेखक की एतद्विषयक आरंभिक रचना ही है, तथापि इससे उनको विवेचना-शक्ति का बहुत अच्छा परिचय मिलता है। कई स्थानों पर उन्होंन पूर्ववर्ती मतों का युक्तिपूर्वक निरास भी किया है। यद्यपि उनक मत से कहीं-कही पूर्णतः सहमत होना कठिन होता है तथापि उनकी सूझ, प्रतिभा और साहस का जैसा परिचय इस पुस्तक से मिलता है, वह निश्चित रूप से उनके उज्ज्वल भविष्य का सूचक है।
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12497)
Tantra ( तन्त्र ) (987)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1893)
Chaukhamba | चौखंबा (3352)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1444)
Yoga ( योग ) (1093)
Ramayana ( रामायण ) (1390)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (23046)
History ( इतिहास ) (8220)
Philosophy ( दर्शन ) (3383)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2532)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist