इस पुस्तक को दस अध्यायों में सहेजा गया है जिनमें "विचारग्रस्त मन के पार पंहुचना" से लेकर "दुख व दुख का अंत" जैसे विषयों को शामिल किया गया है। हरेक अध्याय यद्यपि अपने आपमें एक संक्षिप्त व परिपूर्ण प्रविष्टि है लेकिन पुस्तक को आदि से अंत तक पढ़े जाने पर वह अत्यंत रूपांतरकारी हो जाता है।
हमारे आज की आध्यात्मिक आवश्यकताओं को एक्ॉट टॉल्ल भली-भांति समझते हैं। इसीलिए, वे सभी आध्यात्मिक विचार धाराओं से सार-सत्य को ग्रहण करते हैं और फिर उन सत्यों को एक आश्चर्यजनक नए स्वरूप में प्रस्तुत कर देते हैं।
अगले कुछ वर्ष उन्होंने उस रूपांतरण को समझने, उसका अर्थ निरूपण करने और उसे गहराई देने के प्रति अर्पित कर दिए, और यही था उनकी सघन आंतरिक यात्रा का शुभारंभ।
एक्हार्ट किसी भी विशेष धर्म या किसी विशेष विचारधारा से जुड़े नहीं रहे। अपनी शिक्षाओं में वे प्राचीन आध्यात्मिक मनीषियों के शाश्वत तथा सीधे-सरल लेकिन गहन-गंभीर संदेशों को स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करते हैं: दुख से बाहर निकलने का और शांति में प्रवेश करने का एक मार्ग है।
आजकल एक्हार्ट व्यापक रूप से यात्रा करते हैं और अपनी शिक्षाओं को अपनी उपस्थिति से संसार भर में फैला रहे हैं। 1996 से वे कनाडा के बैंकुवर में रह रहे हैं।
Hindu (हिंदू धर्म) (12652)
Tantra ( तन्त्र ) (1018)
Vedas ( वेद ) (706)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1905)
Chaukhamba | चौखंबा (3356)
Jyotish (ज्योतिष) (1462)
Yoga (योग) (1099)
Ramayana (रामायण) (1383)
Gita Press (गीता प्रेस) (734)
Sahitya (साहित्य) (23160)
History (इतिहास) (8263)
Philosophy (दर्शन) (3394)
Santvani (सन्त वाणी) (2588)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist