जब से इस देश में कल्कि अवतार विषयक विभिन्न पुस्तकों का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ और जनता को यह ज्ञात हुआ कि कल्कि अवतार के प्राकट्य का समय व्यतीत हो चुका है, तभी से नकली अवतारों की बाढ़ सी आ गई है। पिछले ईश्वरीय अवतारों की कथाएँ पढ़कर तथा उनकी लीलाएँ देखकर, लोग उसी भाँति की कल्पना के अनुरुप आज के ईश्वरीय अवतार को देखने की आशा करते हैं। लोगों की इस मनोवृत्ति को धोखा देकर दम्भी और ढोंगी स्वयं को अवतार के रूप में प्रसिद्ध कर उन्हें ठग रहे हैं। समय-चक्र बड़ा बलवान है, ऐसे अनेक ढोंगियों का भाण्डा फूट चुका है और आज उनके अस्तित्व तक का पता नहीं है।
आज मानव समाज अपने दुःखों से त्रस्त है अतः इधर-उधर भटकता फिरता है। दिग्भ्रमित लोगों को इस पशोपेश की स्थिति से निकालकर सही दिशा निर्देश देना हम अपना सर्वोच्च कर्त्तव्य समझते हैं।
सन् 1972 में लेखक की इसी विषय की पुस्तक "कल्कि अवतार की खोज" प्रकाशित हुई थी तथा उस पुस्तक की सभी प्रतियों हाथों हाथ समाप्त हो गईं। तभी से उसके द्वितीय संस्करण के प्रकाशन की माँग पर माँग आ रही थी। अतः इस विषय की सभी आवश्यक बातों को संक्षेप में इस पुस्तक "कल्कि अवतार" के पाठकों की सेवा में प्रस्तुत है।
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12482)
Tantra ( तन्त्र ) (986)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1884)
Chaukhamba | चौखंबा (3346)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1441)
Yoga ( योग ) (1091)
Ramayana ( रामायण ) (1391)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (23013)
History ( इतिहास ) (8214)
Philosophy ( दर्शन ) (3343)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2534)
Vedanta ( वेदांत ) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist