"शिफ्ट वर्कर्स के मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का यौगिक प्रबन्धन विषय को लेकर लिखा गया विशिष्ट ग्रंथ है। शिफ्टवर्क वर्तमान समय की मांग है। मांग और उत्पादन के बीच सन्तुलन निर्मित करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों, संस्थानों, कम्पनियों एवं सेवा क्षेत्र से जुड़े सभी संस्थानों को दिन-रात 24 घण्टे कार्य करने की आवश्यकता है। इसलिए शिफ्ट वर्क की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। लेकिन शिफ्ट वर्क के कारण हो रही शारीरिक मानसिक समस्याओं से उत्पन्न रोगों के कारण कार्यक्षमता में कमीं आती है। इन सभी समस्याओं को योग की तकनीकों के अभ्यास से दूर किया जा सकता है। उक्त पुस्तक में शिफ्ट वर्क से जुड़े अधिशासियों, कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य से संबन्धित समस्याओं जैसे व्यावसायिक तनाव, कार्य चिंता, समायोजन आदि को योग के विभिन्न अभ्यासों को जीवनशैली में सम्मिलित करने के विषय में विस्तार से बताया गया है।
इस पुस्तक में शिफ्टवर्क एवं योग अवधारणा को सरलतम ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक में शिफ्टवर्कर्स के मानसिक स्वास्थ्यं से जुड़ी समस्याओं हेतु मार्गदर्शन दिया गया है।
यह पुस्तक सरल एवं बोधगम्य भाषा में लिखित है।
शिफ्ट वर्क से जुड़े अधिशासियों, कर्मचारियों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
यह पुस्तक शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं योग जिज्ञासुओं के लिए संग्रहणीय है।
डॉ० ऊधम सिंह, योग विज्ञान विभाग, गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से आपने एम० ए० (देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार), एमफिल (बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल), पीएचडी (गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार) डिग्री योग विज्ञान विषय में प्राप्त की हैं। आपने प्रेरक वक्ता के रूप में कई संस्थाओं, संस्थानों में प्रेरक व्याख्यानों के माध्यम से हजारों लोगों को सकारात्मक जीवन के लिए प्रेरित किया है। आप 12 वर्षों से योग विज्ञान के क्षेत्र में अध्यापन, अनुसंधान हेतु सेवाएँ दे रहे हैं। आपके 25 से अधिक शोध-पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। 30 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं, परिसंवाद आदि में आप व्याख्यान एवं शोध पत्रों का वाचन कर चुके हैं। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं, प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन योग विज्ञान विभाग में सफलतापूर्वक करते रहे हैं।
ब्रह्मानन्दरसानुभूतिकलितैः पूतैः सुशीतैः सितैर्युष्मद्वाक्कलशोज्झितैः श्रुतिसुखैर्वाक्यामृतैः सेचय। संतप्त भवतापदावदहनज्वालाभिरेनं प्रभो धन्यास्ते भवदीक्षणक्षणगतेः पात्रीकृताः स्वीकृताः।
हे प्रभो । प्रचण्ड संसार दावानल की ज्वाला से तपे हुए इस दौन शरणापन्न को आप अपने ब्रह्मानन्दरसानुभव से युक्त परम पुनीत, सुशीतल, निर्मल और वाक्-रूपी स्वर्णकलश से निकले हुए श्रवण सुखद वचनामृतों से सीचिये। वे धन्य हैं, जो आपके एक क्षण के करुणामय दृष्टिपथ के पात्र होकर अपना लिये गये हैं।
"शिफ्ट वर्कर्स की मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का यौगिक प्रबन्धन" विषय पर शोध कार्य सम्पन्न कराने वाले मेरे आराध्य ने इस अंकिचन पर अहेतुकी कृपा की है।
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