पुस्तक परिचय
मैं कहता आंखन देखी
ओशो की इस बहुचर्चित पुस्तक में ओशो उत्तर देते हैं उन महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के जो उनसे पूछे गए हैं उनके कार्य के संबंध में, मनुष्यता के इस निर्णायक मोड़ पर उनके आगमन व उनके योगदान के संबंध में ।
पुस्तक के अन्य विषय बिंदु
सत्य चिन्मय ?
कौन अजन्मा क्या ?
धर्म ?
एक आदमी है, अंधा है । तो हमें खयाल होता है कि शायद उसको अंधेरा दिखाई देता होगा । वह हमारी भ्रांति है । अंधेरा देखने के लिए भी आँख जरूरी है । आँख के बिना अंधेरा भी दिखाई नहीं पड़ता।
क्योंकि अंधेरा जो है, वह आँख का ही अनुभव है । जिससे प्रकाश का अनुभव होता है, उसी से अंधकार का भी अनुभव होता है । तो जो जन्मांध है, उसे अंधेरे का भी कोई पता नहीं है । अंधेरा भी जानेगा कैसे?
मैं वह कह रहा हूं जो मेरी प्रतीति है, मेरा अनुभव है । मैं वह कह रहा हूं जो कि शास्त्रों की अंतर्निहित आत्मा है । मगर शास्त्रों के शब्द मैं उपयोग नहीं कर रहा हूं । शब्द तो बदल दिए जाने चाहिए । अब तो हमें नये शब्द खोजने होंगे । हर सदी को अपने शब्द खोजने होते हैं । तो मैं वही कह रहा हूं जो बुद्ध ने कहा, कृष्ण ने कहा, मोहम्मद ने कहा, जीसस ने कहा, लेकिन अपने ढंग से
अंधों की बस्ती और रोशनी
दोनों अंधेरा और प्रकाश एक ही चीज के दो छोर हैं । अन्यथा प्रकाश के बढ़ने से अंधेरा नहीं घट सकता, अगर दोनों अलग चीजें हों । अन्यथा प्रकाश के कम होने से अंधेरा नहीं बढ़ सकता, अगर दोनों चीजें अलग चीजें हों । लेकिन प्रकाश को कम ज्यादा करने से अंधेरा कम ज्यादा होता है । अर्थ साफ है. । मैं पूरे ही सत्य को कहने की कोशिश में कठिनाई में पड़ता हूं । तो मैं दोनों बातें एक साथ कहता हूं कि सत्य सनातन है, नया कहना गलत है । और कह भी नहीं पाता कि मैं दूसरी चीज भी कहना चाहता हूं कि सत्य सदा नया है, पुराना कहने का कोई अर्थ ही नहीं है । यहा मैं सत्य को उसकी पूरी की पूरी स्थिति में पक्कने की कोशिश में हूं ।
अनुक्रम
1
सत्थ सार्वभौम है
9
2
चिल्मय कौन? अजन्ना क्या
41
3
आकाश जैसा शाश्वत है सत्य
73
4
धर्म की गति और तेज हो !
105
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu (1737)
Philosophers (2381)
Aesthetics (332)
Comparative (70)
Dictionary (12)
Ethics (40)
Language (370)
Logic (72)
Mimamsa (56)
Nyaya (137)
Psychology (408)
Samkhya (60)
Shaivism (59)
Shankaracharya (239)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist