आमुख
मन या शरीर में कामोत्तेजना प्रदान करने वाले गीत अँग्रेज़ी में हॉट सोंग्स कहलाते हैं । ऐसे गीतों द्वारा व्यक्ति या समाज का कल्याण हो, तब तो उन्हें उच्चश्रेणी के साहित्य में रखा जा सकता है । लेकिन वे केवल ऊपरी तौर पर मनोरंजन प्रदान करते हों, तो वे घटिया या क्षुद्र काव्य की श्रेणी में आयेंगे, क्योंकि वे भावनाओं को विकृत करते हैं। ऐसे गीतों का लक्ष्य यौन भावनाओं को जगाना मात्र होता है। प्राचीन साहित्य में कामुक प्रवृत्तियों को जगाने वाला काव्य प्रचुर मात्रा में मिलता है, लेकिन यह निश्चित है कि ऐसा साहित्य अपरिपक्व मस्तिष्कके लिए कभी लाभदायक सिद्ध नहीं होता । उससे सामाजिक मर्यादाओं के टूटने और कुत्सित प्रवृत्तियों के जन्म लेने का खतरा बना रहता है। आज जिस वातावरण में हम जी रहे हैं, वह पूर्व के युग से भिन्न है, इसलिए हॉट सोंग्स कहे जाने वाले गीत सभी का मनोरंजन करते हैं। वे जयदेव, कालिदास और विद्यापति जैसे कालजयी साहित्य की ऊँचाइयों को तो नहीं छू सकते, फिर भी लोक में अपना एक स्थान अवश्य बना लेते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे हॉट सोंग्स (गर्म गीत) दिए गए हैं, जो समय समय पर काफी लोकप्रिय रहे हैं। आवश्यकता के समय गायन वादन के लिए एक ही स्थान पर यह गीत उपलब्ध हो सकें, इसी दृष्टि से स्वरांकन सहित इनका प्रकाशन किया जा रहा है। श्रृंगार रस सभी रसों का राजा है, यह बात हम कभी नहीं भूल सकते ।
फ़िल्मनामानुक्रम
1
अनामिका (बाँहों में चले आओ लता मंगेशकर)
128
2
ओंखों आँखों में (आँखों आँखों में बात होने दो किशोरकुमार व आशा भोसले)
59
3
आज और कल (मुझे गले से लगा लो आशा भोसले)
104
4
इज्जत (जागी बदन में ज्वाला लता व समूह)
133
5
इज्जत (रुक जा जरा, किधर को चला लता मंगेशकर)
98
6
उत्सव (मन क्यूँ बहका रे लता व आशा)
136
7
एक थी रीता (ये शोर है गली गली मुहम्मद रफी)
158
8
ऐलान (अंग से अंग लगा ले लता मंगेशकर)
62
9
औलाद (नाजुक नाजुक बदन मोरा लता, रफी व समूह)
141
10
काजल ( आपके पास जो आएगा महेन्द्र कपूर)
117
11
कारवाँ (चढ़ती जवानी लता व रफी)
154
12
कुर्बानी (लैला मैं लैला, ऐसी हूँ लैला नाजिया हसन व अन्य)
57
13
खलनायक ( चोली के पीछे क्या है अस्का याग्निक इला अरुन व अन्य)
22
14
चीता (चूँ चूँ खटिया बोले पूर्णिमा व इला अरुन)
16
15
जख्मी (जलता है जिया मोरा किशोर व आशा भोंसले)
146
जय विक्रान्त (कोठे ऊपर कोठड़ी अल्का याग्निक)
27
17
जय विक्रान्त (गोरे गोरे गाल मेरी जान के दुशमन पूर्णिमा)
31
18
डर (छोटा सा घर है ये मगर लता व अभिजीत)
65
19
दलाल (चढ़ गया ऊपर रे इला अरुन, कुमार सानू, अस्का याग्निक, बप्पी लहरी)
20
दिलबर (मैं अठरा बरस की हो गई अस्का याग्निक व उदित नारायण)
75
21
नई उमर की नई फसल
(आज की रात बड़ी शोख मोहम्मद रफी)
108
बाबुल की गलियाँ (इक चीज़ माँगते हैं हम तुमसे पहली बार अज्ञात)
54
23
महासंग्राम ( आई लव यू प्यार करूँ छू अस्का याग्निक व अन्य)
92
24
मेरे सनम (ये है रेशमी जुल्फों का अँधेरा आशा भोसले)
121
25
मैं सुन्दर हूँ (आज मैं जवान हो गई हूँ आशा भोसले)
50
26
मैं सुन्दर हू (मुझको ठण्ड लग रही है आशा भोसले)
46
मोम की गुड़िया (रेशमा जवान हो गई मुहम्मद रफी)
151
28
मोहरा (तू चीज़ बड़ी है मस्त मस्त उदितनारायण व कविता कृष्णमूर्ति)
101
29
रानी रूपमती (रात सुहानी झूमे जवानी लता मंगेशकर)
125
30
वह कौन थी (लग जा गले कि फिर ये हसी रात हो न हो लता मंगेशकर)
113
विधाता (सात सहेलियाँ खड़ी खड़ी किशोर, अनुराधा पोडवाल, अल्का याग्निक, साधना सरगम, शिवांगी कोल्हापुरी, पद्मिनी कोल्हापुरी)
32
शहनाई (आना मेरी जान संडे के संडे मीनाकुमारी व चितलकर)
52
33
सावन भादों (कान में झुमका, चाल में ठुमका मुहम्मद रफ़ी)
71
34
सौदागर (ईलू ईलु ईलु ईलू कविता कुष्नमूर्ति, मनहर, सुखविन्दर)
35
हम हैं प्रेमी (सरकाय ल्यो खटिया कुमार सानू, अल्का याग्निक व ईला अरुन)
42
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist