पुस्तक परिचय
हिन्दी का शायद यह पहला उपन्यास है जिसमें शिया मुसलमानों तथा संबद्ध लोगों का ग्रामीण जीवन अपने समग्र यथार्थ में पूरी तीव्रता के साथ सामने आता है ।
आधा गाँव, यानी गंगौली । जिला ग़ाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश) । काल परिप्रेक्ष्य 1947, स्वाधीनता के समय होनेवाला देश विभाजन । गंगौली मुस्लिम बहुल गाँव है और यह उपन्यास है इस गाँव के मुसलमानों का बेपर्द जीवन यथार्थ । पूरी तरह सच, बेबाक और धारदार । पाकिस्तान बनते समय मुसलमानों की विविध मनस्थितियों, हिन्दुओं के साथ उनके सहज आत्मीय संबंधों तथा द्वंद्वमूलक अनुभवों का अविस्मरणीय शब्दांकन । सांप्रदायिकता के खिलाफ़ एक ऐसा सृजनात्मक प्रहार, जो दुनिया में कहीं भी राष्ट्रीयता ही के हक़ में जाता है ।लेखकीय चिंता सार्वजनीन है कि गंगौली में अगर गगौलीवाले कम तथा सुन्नी और शिया और हिन्दू ज्यादा दिखाई देने लगें, तो गंगौली का क्या होगा? दूसरे शब्दों में, गंगौली को यदि भारत मान लिया जाए तो भारत का क्या होगा? भारतीय कौन होंगे? अपनी वस्तुगत चिंताओं, गतिशील रचनाशिल्प, आचलिक भाषा सौंदर्य और सांस्कृतिक परिवेश के चित्रण की दृष्टि से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण उपन्यास हिन्दी कथा साहित्य की बहुचर्चित और निर्विवाद उपलब्धि । इस कृति की सबसे बड़ी खासियत है सयमहीनता । इसके सभी पात्र बिना लगाम के हैं और उनकी अभिव्यक्ति सहज, सटीक और दो टूक है, गालियों की हद तक ।
लेखक परिचय
जन्म 1 सितम्बर, 1927 । जन्मस्थान गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) । प्रारम्भिक शिक्षा वहीं, परवर्ती अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में । अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से ही उर्दू साहित्य के भारतीय थक्तित्व पर पी एच. डी. । अध्ययन समाप्त करने के बाद अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में अध्यापन कार्य से जीविकोपार्जन की शुरुआत । कई वर्षों तक उर्दू साहित्य पढाते रहे । बाद में फिल्म लेखन के लिए मुंबई गए । जीने की जीतोड़ कोशिशें और आंशिक सफलता । फिल्मों में लिखने के साथ साथ हिन्दी उर्दू में समान रूप से सृजनात्मक लेखन । फिल्म लेखन को बहुत से लेखकों की तरह घटिया नहीं, बल्कि सेमी क्रिएटिव काम मानते थे । बी.आर. चोपडा के निर्देशन में बने महत्त्वपूर्ण दूरदर्शन धारावाहिक महाभारत के पटकथा और संवाद लेखक के रूप में प्रशंसित ।
एक ऐसे कवि कथाकार, जिनके लिए भारतीयता आदमीयत का पर्याय रही ।
प्रकाशित पुस्तकें आधा गाँव टोपी शुक्ला हिम्मत जौनपुरी ओस की बूँद दिल एक सादा काग़ज कटरा बी आर्जू असंतोष के दिन नीम का पे़ड़ (हिन्दी उपन्यास) मुहब्बत के सिवा (उर्दू उपन्यास) मैं एक फेरीवाला (हिन्दी कविता संग्रह) नया साल मौजे गुल मौजे सबा रक्से मय अजनबी शहर अजनबी रास्ते (उर्दू कविता संग्रह) अट्ठारह सौ सत्तावन (हिन्दी उर्दू महाकाव्य) तथा छोटे आदमी की बड़ी कहानी (जीवनी) ।
आवरण राजकमल
जन्म 10 नवंबर, 1950 । जन्मस्थान आगरा (उत्तर प्रदेश) । हिंदी में एम.ए. । दिल्ली के कॉलेज ऑफ आर्ट्स से बी.एफ.ए.। पैट्रिएट, लिंक तथा अन्य पत्र पत्रिकाओं में कार्य । फिलहाल नवभारत टाइम्स में कार्टून का दैनिक स्तंभ मेट्रो मीटर बनाते हैं । दो कहानी संग्रह सलीब पर सदी तथा उलझे रेशम के बीच प्रकाशित।
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