रवि बाबू के इन गीतों में दिव्य भावनाओं की सुगन्धित बयार है और झोंकों में इतनी सरलता है कि वे अबोध शिशु की तरह लगते हैं। ये गीत मानव-मन को बहुत गहरे तक प्रभावित कर उसे तरोताज़ा करते हैं और अंधेरे कोनों में रोशनी का सैलाब उमड़ा देते हैं।
दिव्य आलोक से रचे-बसे ये गीत गुरुदेव की काव्य रचने की क्षमता को इस तरह सामने लाते हैं कि पाठक आत्म-मुग्ध हो उठता है।
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu (हिंदू धर्म) (12543)
Tantra ( तन्त्र ) (999)
Vedas ( वेद ) (708)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1901)
Chaukhamba | चौखंबा (3354)
Jyotish (ज्योतिष) (1450)
Yoga (योग) (1100)
Ramayana (रामायण) (1391)
Gita Press (गीता प्रेस) (731)
Sahitya (साहित्य) (23140)
History (इतिहास) (8256)
Philosophy (दर्शन) (3392)
Santvani (सन्त वाणी) (2567)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist