पुस्तक के विषय में
लोक साहित्य की विधाओं में लोकगाथा गीतों का विशेष महत्व है। ये गीत क्षेत्र-विशेष की परंपराओं, लोकविश्वासों एवं ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित गेय आख्यान होते है और कथा व गेयता ही इनकी अनिवार्य विशेषता है।
डॉ. दिनेश चंद्र बलूनी लिखित द्वारा लिखित यह पुस्तक लोकगाथा गीतों के माध्यम से उतरांचल की रंग-बिरंगी संस्कृति की झलक तो देगी ही साथ ही ऐसे गीतों के अन्वेषण की अपार संभावना वाले इस क्षेत्र के शोधकर्ताओं को नवीन दिशा प्रदान करेगी।
प्राक्कथन
भौगोलिक जटिलताओं एवं प्राकृतिक कठिनाइयों कें कारण उतरा-चले प्रदेश आज भी अज्ञात पहेली तथा रहस्यमय धरा है । यह भी अकाट्त तथ्य हैं कि यहां के हिमाद्रि एवं नदी-नदों नं भारतीय संस्कृति और सभ्यता की समृद्धि में अपना अपार सहयोग प्रदान किया हैं । वेदों और पुराणों की रचना इन्हीं पर्वत श्रृंगों एवं गिरि गह्वरों मैं हुई है । यहां की प्राकृतिक सुषमा में बिखरी विविधता की भांति लोकवार्ताओं में भी सौंदर्य की विविध झांकियां देखने को मिलती हैं । लोकगाथा था गीत सृष्टि की प्राचीनतम् विधाओं में से एक हैं, जो समस्त समाज का प्रतिनिधित्व करते है । अत: ये गीत किसी क्षेत्र की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत हैं । उत्तरांचल इस दृष्टि से समृद्ध अंचल हैं। यहां कें गांवों और जनजातीय क्षेत्रों में असंख्य गाथागीत परंपराओं के रूप में संरक्षित हैं । किंतु प्राकृतिक जटिलताओं के कारण सभी गाथाओं को संग्रह करना सं भव नहीं है। यदि संग्रह कर उनको प्रकाशित किया भी जाए तो यह कार्य हजारों पृष्ठों में संभव हो सकेगा। अस्तु प्रस्तुत प्रकाशन में सीमित गाथागीतों के सारांश कें साथ उनकी कतिपय मूल पंक्तियों को दिया गया है।
लोकगाथा गीतों को एकत्रित कर पुस्तक का आकार देने में मुझे जिन व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त हु आ, उनका आधार व्यक्त करना भी मेरा पुनीत कर्तव्य है । श्री गोकुल देव कुकरेती (प्रधानाचार्य), डा. बी. एस. नेगी (प्रधानाचार्य), डा. प्रयाग जाशी, डा. गोबिन्द चातक, डा. नंदकिशोर ढौडियाल 'अरुण', डा. अविनाश कुमार जैन, धर्मानंद जोशी और राजेन्द्र बिष्ट आदि का मैं हृदय से आभारी हूं जिनके सहयोग से यह रचना तैयार हुई।
आशा है कि यह पुस्तक लोकगाथा गीतों के माध्यम से उत्तरांचल की रंग-बिरंगी संस्कृति की एक झलक तो देगी ही, साथ ही ऐसे गीतों के अन्वेषण की अपार संभावना वाले इस क्षेत्र के शोधकर्ताओं को नवीन दिशा प्रदान करेगी।
अनुक्रमणिका
1
उत्तरांचल प्रदेश
2
लोकगाथा गीत
7
3
लोकगाथा गीतों का प्रस्तुतिकरण
15
4
उत्तरांचल प्रदेश के गाथागीतों में सामाजिक प्रतिबिंब
28
5
लोकगाथा गीत-सारांश
38
परिशिष्ट : संदर्भ ग्रंथ
158
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