विचारक, लेखक , साधक और एकाकी यायावर कृष्णाथ यायावर १९३४ में कशी में एक स्वंत्रता सेनानी परिवार में पैदा हुए! बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पूर्व और पश्चात वे समाजवादी आंदोलन से जुड़े और जन संघर्षों में भाग ले कर जेल यात्रा की! हैदराबाद में रह कर प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका 'कल्पना' तथा अंग्रेजी पत्रिका 'मैनकाइंड' का सम्पादन किया! जीविका के लिए काशी विद्यापीठ में अध्यापन कार्य, जहाँ कालांतर में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने! 'आर्थिकी' नाम अर्थशास्त्रिया पत्रिका के प्रथम संपादक बने! शनै:शनै: उनका चिंतन अधिक सूक्ष्म एवं गहन विषयों में प्रवृत्त होने लगा! बौध्द दर्शन ने उन्हीं विशेष रूप से आकृष्ट किया! भारतीय और प्रवासी तिब्बती आचार्यों के साथ बैठ कर नागार्जुन के माध्यमिक दर्शन तथा वज्रयान का अध्ययन क्रम चलने लगा! इसकी के साथ चलता रहा उनका हिमालय यात्राओं का सिलसिला! अस्सी के दशन में विश्वप्रसिध्द विचारक जे. करिश्मुर्ति इन बौध्द विद्वानों में से एक थे! कुछ वर्षों से वे हर साल कुछ महीने बेंगलूर के पास स्थित कृष्णर्ति स्टडी सेंटर में एकांत प्रसास करते है! जब व दक्षिण भारत में नहीं रहते तब या तो हिमालय के किये इलाके में भ्रमण करते हैं या काशी के निकट सारनाथ में रहते है!. प्रकाशित ग्रंथों में राग विराग, किन्नर धर्मलोक, स्पीति में बारिश, पृथ्वी परिक्रमा बौद्ध निबंधावली, हिमालय यात्रा, कुमाऊं यात्रा किन्नौर यात्रा प्रमुखहै! सृजनशील लेखन के लिए उन्हीं लोहिया विशिष्ट सम्मान भी प्राप्त हो चुका है!
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