लेखक के बारे में
डॉ. नागेन्द्र कुमार 'नीरज'
जन्म-1 जनवरी, 1954, माता-श्रीमती सीता देवी, पिता-श्री गुंजेश्वर सिंह, नवादा चैनवा, छपरा, बिहार ।
शिक्षा-बी एससी कैमिस्ट्री ऑनर्स, नवादा चैनवा; स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित प्राकृतिक चिकित्सा (प्रा.चि.) प्रशिक्षण-विशिष्टता से उत्तीर्ण, पी.एच. डी. (ए.एम) डी.एस.सी (ए.एम.)। प्राचि स्थापना एवं विकास-1974 से 1976 प्राइवेट प्रैक्टिस; 1976-80 प्रा. चिकित्सालय, जयपुर में प्राकृतिक एवं आहार चिकित्सा व्याख्याता एवं चिकित्सा प्रभारी; 1980-88 अजमेर एवं पुष्कर मैं नव्य प्रा चि संस्थापना सेक्रेटरी निदेशक एवं चिकित्सा प्रभारी; 1988-94 श्री महावीर योग प्रा चि एवं शोध संस्थान, श्री महावीर जी में प्रधान चिकित्सा प्रभारी; 1994-97 नवनीत चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र, बस्सी में मुख्य चिकित्सा प्रभारी; 1997-2003 एस. पी. जी. काया कल्प रिसर्च सेन्टर, धाननी, लक्ष्मणगढ़; 2004-07 शंकुज नैचुरल हेल्थ सेन्टर, वाटर पार्क, मेहसाना; 2007-09 बालाजी निरोग धाम, दिल्ली में मुख्य चिकित्सा प्रभारी एवं स्वास्थ्य निदेशक पद पर कार्यरत रहे । इसी बीच डॉ. नीरज ने प्रधान परामर्शदाता चिकित्सक के रूप में नेच: क्योर एरण्ड योग रिसर्च सेन्टर, विष्णुपुर कलकत्ता, प्रा. चि. जयपुर तथा नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर यानि एक साथ तनि-तीन केन्द्रों का संचालन नेतृत्व प्रदान किया । 1980 में एक साथ हिण्डाल्को, हांगकांग तथा पुष्कर तीन जगहों पर नूतन संस्थान संचालन हेतु नियुक्ति हुई थी । उपर्युक्त केन्द्रों द्वारा अब तक एक लाख से अधिक इनडोर रोगियों का उपचार डॉ. नीरज के नेतृत्व में हो चुका है ।
लेखन एवं सम्पादन-आपने 25 पुस्तकें लिखीं हैं, जिसमें-
प्राकृतिक चिकित्सा एव योग (एन. आई. एन, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार) तथा मधुमेह लाइलाज नहीं है (स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा पुरस्कृत हैं । अन्य पुस्तकों में असाध्य रोगों की सरल चिकित्सा; अनमोल मिट्टी के बोल; आहार मेरा स्वास्थ्य, प्रथम, येनीय एव तृतीय भाग; रोगों की सही चिकित्सा; पेट के रोगों की प्राकृतिक लोकप्रिय एवं बहुप्रशंसित पुस्तकें हैं । स्वास्थ्य रश्मि, अखण्ड आरोग्य, आरोग्य अमृत, काया रक्षा आदि आठ पत्रिकाओं का सम्पादन । हिन्दुस्तान के प्रमुख दैनिक मासिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेख प्रकाशन, वर्कशॉप, काँफ्रेंस संयोजन-अब तक 3 अखिल भारतीय प्रा. चि. परिषद का राष्ट्रीय सम्मेलन,
60 वर्कशॉप पूरे हिन्दुस्तान एवं अमेरिका में आयोजित का चुके हैं । अमेरिका में 12 संस्थानों में सफल व्याख्यानमाला का आयोजन ।
मीडिया-
आस्था, संस्कार, जी. टी. वी., सोनी, सब आदि विभिन्न चैनलों, आकाशवाणी, अमेरिका का एशिया टी. वी., आई. टी. वी. तथा सहारा वन टी. वी., अमेरिका में रेडियो काँफ्रेंस, भारती भवन, न्यूयार्क, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, नव ज्योति, ईकोनॉमिक टाइम्स, टाइम्स ऑफ इण्डिया, विश्वामित्र, दैनिक हिन्दुस्तान, जागरण, सबरंग, जनसत्ता, स्टेट्समैन, दी टेलिग्राफ, साप्ताहिक वर्तमान आदि विभिन्न भाषाओं की पत्रिकाओं में डी नीरज के साक्षात्कार आ चुके हैं । सिर्फ जे. एल. एन. मैडिकल कॉलेज में 15 दिनों तक चली प्रदर्शनी को करीब 5 लाख लोगों ने देखा था ।
सम्मान-
डॉ. नीरज को कई बार राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय दर्जनों सम्मानों से नवाजा चुका है, जिसमें 5000 पर्सनाल्टी ऑफ द वर्ल्ड (USA), लाइफटाइम एचीवमेंट, अवार्ड ऑफ एक्सलेंसी, डिक्शनरी ऑफ नेचुरोपैथी, मनहर ठहाका पुरस्कार, पर्सनाल्टी ऑफ द इअर (ABI, USA) तथा विट्ठलदास मोदी एवार्ड (2010) जिसे डॉ. रमण सिंह मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदान किया गया। तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मोतीलाल वोरा, म. प्र. के मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह, महाराष्ट्र के कैलाश, बंगाल के मंत्री एन जी भट्टाचार्य, चीफ जस्टिस पब आदि अनेक गणमान्य लोगों ने डॉ. नीरज को विभिन्न प्रा. चि. सम्मेलनों में विभिन्न एवार्डों से सम्मानित किया है ।
'फूल का खिलना एवं सुगन्ध से सृष्टि को भर देना उसका स्वभाव है, इसके लिए कोई सम्मानित करें या अनुगृहीत हो या कोई उसे तोड़कर फेंक दें, फिर भी वह मरते दम तक सुगन्ध फैलाएगा', यही डॉ. नीरज का प्राकृतिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के संदर्भ में संदेश है।
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