भोजपुरी नाट्यसास्त्र भोजपुरी के पहिला नाट्यसास्त्र ह। एकरा से पहिले भोजपुरी के नाट्यसास्त्र केहू के नइखे। नाट्यसास्त्र भा नाटक का सिद्धान्त के लेके भोजपुरी में गम्भीरता से विचार ना भइल रहल ह। हमरा आसा बा कि ए कमी के ई पूरा करी।
भोजपुरी विकास का राह पर बढ़ रहलि बा। ओइसे त कुल्हि भाषा निरन्तर विकासमान रहेलीस। हमरा कहला के ई उदेस बा कि भोजपुरी का मानक रूप के अबे तय नइखे भइल। सभ अपना-अपना क्षेत्र में प्रचलित भोजपुरी भाषा के प्रयोग क रहल बा। एमें एकरूपता के जरूरत बा। एकरा बिना लिखल, पढल, पढावल हर जगह समस्या बा। हर भाषा के एगो मानक रूप होला। एकरा बिना ऊ छिटा जाई आ चौराह पर भटकति रही। आलोचना का क्षेत्र में त अउरी बड समस्या बा। 'भोजपुरी नाट्यसास्त्र लिखे में एकरा से जूझे के परल ह। बहुत बेर लिखे, काटे के परल। प्रूफ के संख्या बढ़ गइलि। सोचत-सोचत अन्त में ई बुझाइल कि हिन्दी जब सिद्धान्त आदि पर विचार करति संस्कृत का सब्दन के यथावत् ले लेले त भोजपुरी का काहें कोताही करे के चाही। माई-बाप के संस्कार त संतान में अइबे करेला। भोजपुरियो के इहे मूल बा जवन खड़ी बोली हिन्दी के बा त संकोच ना करे के चाही। एकरा बाद हमार राह कुछ आसान हो गइल। मानक रूप का अभाव में केतने समस्या अइली स. बाकिर सभसे लड़त-भिडत. धक्का धुक्की करत निकल गइलीं। अब एकरा से आगे का कहीं? कबो अवसर मिली त देखल जाई।
Hindu (हिंदू धर्म) (12697)
Tantra ( तन्त्र ) (1023)
Vedas ( वेद ) (707)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1905)
Chaukhamba | चौखंबा (3357)
Jyotish (ज्योतिष) (1467)
Yoga (योग) (1097)
Ramayana (रामायण) (1383)
Gita Press (गीता प्रेस) (734)
Sahitya (साहित्य) (23173)
History (इतिहास) (8270)
Philosophy (दर्शन) (3393)
Santvani (सन्त वाणी) (2591)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist