अमर कथाएं आपके हाथों में सौंपते समय मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपनी एक मनोकामना पूर्ण कर रहा हैं।
लम्बे समय से मन में चाह थी कि बच्चों तथा किशोरों के लिए उपनिषद् तथा पुराणों से जुड़े महान् पात्रों के चरित्रों पर आधारित छोटी-छोटी कहानियां रोचक शैली में लिखी जायें और उन्हें प्रकाशित कराया जाये। जिससे हमारा संवदेनशील पाठक वर्ग यह जानकारी पा सके कि जिन पूर्वजों की हम सन्तान हैं, वे कितने उच्च कोटि के मनुष्य थे और उन्होंने जीवन को कितना ठीक समझा था।
आज के इस अर्थप्रधान युग में जबकि मनुष्य केवल धन के पीछे दौड़ रहा है, जीवन की कोमल संवेदनाएं और मानवीय मूल्य रात-दिन क्रूरता और स्वार्थपरता के पैरों तले रौंदे जा रहे हैं। हम सब अर्थ की होड़ में लगे हैं, भौतिक संसाधनों को जटाने में अपने आपको खपा रहे हैं। हम अपनी नई पीढ़ी को विरासत में दे रहे हैं-कण्ठाएं, तनाव, विकृत मनोवृत्तियां और मानव-विरोधी सोच से भरे घिनौने संस्कार।
ऐसे में मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा, मनुष्य जाति के उच्च आदशों से सम्पन्न, रचनात्मक सोच की प्रेरणा से युक्त ससाहित्य ही नई पीढ़ी को गुमराह होकर नष्ट होने से बचा सकता है। इसी सत्य को मन में रखते हुए हमने अपने प्राचीन साहित्य से चुन-चुनकर ऐसे पात्रों की कहानियां प्रकाशित करने का संकल्प लिया है जो हमारे कोमल हृदय पाठकों को नई दिशा देंगी, उनके मन में नया उत्साह और संकल्प पैदा करेंगीं। मुझे विश्वास है; ये कहानियां तथा पाठकों के हृदय को झकझोरेंगीं और उनकी अंतश् चेतना को जाग्रत कर उनके अन्दर एक ऐसी दुनियां बनाने की लगन पैदा करेंगीं जिससे मनुष्य सही अर्थों में मनुष्य बन सके।
मैं आभारी हूँ' मानव उत्थान सेवा समिति' का, जिसकी प्रेरणा और संकल्प से पाठकों तक मेरा यह साधारण-सा प्रयास पहुँच पा रहा है।
यदि पाठकों को इससे लाभ हुआ तो हम सब का परिथम सफल होगा और भविष्य में इस श्रृंखला को और अधिक उत्साह तथा लगन से हम और आगे बढ़ाएंगे।
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist