| Specifications |
| Publisher: CHAUKHAMBHA ORIENTALIA, Varanasi | |
| Author Sarvesh Kumar Agrawal | |
| Language: Hindi and English | |
| Pages: 548 (With Color Illustrations) | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 9.5x7 inch | |
| Weight 870 gm | |
| Edition: 2024 | |
| ISBN: 9789390777860 | |
| HBR442 |
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प्राण-एषणा मानव की सबसे पहली इच्छा है जो कि आरोग्य के बिना संभव नहीं है। आचार्यों ने पुरुषार्थचतुष्टय (धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष) के लिए भी आरोग्य को ही मूल माना है। आरोग्य प्राप्ति के लिए हजारों वर्ष पूर्व ही हमारे ऋषि-मुनियों ने आयुर्वेद के ज्ञान को विभिन्न संहिताओं के रूप में लिपिबद्ध किया है। आयुर्वेद शास्त्र का प्रथम प्रयोजन ही मानव के स्वास्थ्य की रक्षा करना है जिसका विस्तृत संकलन स्वस्थवृत्त एवं योग' नाम की इस पुस्तक में लिपिबद्ध है।
विदित है कि एन.सी.आई.एस.एम. द्वारा स्वस्थवृत्त एवं योग विषय को बी. ए. एम. एस. के तृतीय वर्ष से परिवर्तित कर द्वितीय व्यवसायिक में सम्मिलित कर दिया है तथा पाठ्यक्रम में भी किंचित परिवर्तन किया है अतः स्वस्थवृत्त एवं योग' शीर्षक से यह नवीन पुस्तक पाठकों से सम्मुख प्रस्तुत है। इससे पूर्व स्वस्थवृत्त विज्ञान के अन्य दो संस्करण चौखम्भा ओरियन्टालिया से प्रकाशित हैं। छात्र-छात्राओं की सुगमता के लिए इस पुस्तक में आयुर्वेद एवं योग के विषय हिन्दी में तथा आधुनिक विषय एवं निसर्गोपचार के विषय अंग्रेजी में लिखे गए हैं। सभी अध्याय एवं उनके विषय पाठ्यक्रमानुरूप है। यथासंभव चित्र, सारणी आदि के द्वारा विषयों को स्पष्ट किया गया है। विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों, सरकारी योजनाओं, एक्ट, नियम, जनसांख्यिकी आंकड़ों आदि को वर्तमान समयानुकूल परिवर्तित एवं परिवर्धित किया गया है।
पाठ्यक्रम में जुड़े सभी नए विषयों का समावेश भी उचित स्थान पर किया गया है। जैसे, धातुसाम्यलक्षण, संचित-असंचित दोष, नित्य-अनित्य काल विहार, वसुधैव कुटुम्भकम्, वेगोदीरण, अकाल निद्रा, वयानुसार निद्रा, असात्म्य जागरण, ऋतुशोधन, वयानुसार रसायन, षड्मुखी एवं ज्ञान मुद्रा, Operational Definition of Health, Circadian Rhythm, Sleep Disorders, Digital Health Promotion, Intermittent Fasting, Pro-Biotics & Pre-Biotics, Ayurveda Ahara Regulations, FSSAI Act, Dietary Supplements, Ergogenic Aids, Mediterranean Diet, Keto Diet, DASH Diet, MIND Diet, Vegan Diet, Ovo-Lac-to-Vegetarian, Pescovegetarian, Plant-Based Diet, Intermittent Diet, Nordic Diet, Organic Foods, Genetically Modified Foods, Inflammatory Foods, Instant Foods, Slow & Fast Foods, Cooking Processes, Nutraceuticals, Nutrigenomics, Nutrigenetics, Antioxidant & Immunomodulatory Effects of Rasayana, International Day of Yoga, Role of Ayurveda in Epidemics, Intestinal Infestations, COVID-19, Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance Act, The Building and Other Construction Workers Act, Biomedical Waste Management Rules, 2016, Environment Protection Act, 1986, Role of Ayurveda In Occupational Health, The Merchant Shipping / Medical Examination Rules, 2000, Registration of Birth and Death Act, 1969, NPCDCS, Swachha Bharat Mission, Ayushman Bharat Yojana, Ayushman Bharat Digital Mission, National AYUSH Mission (NAM) etc.
में सर्वप्रथम अखिलब्रह्मांडनायक हरि-हर के चरणों में नतमस्तक हूँ जो कि हमेशा ही मुझे सद्बुद्धि प्रदान करते हैं एवं लेखनी को चलाने के लिए मेरे अंदर निरंतर ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।
मैं अपने गुरुजनों प्रो. अभिमन्यु कुमार, प्रो. पूजा भारद्वाज, प्रो.डी.एन. शर्मा, प्रो. प्रेमचंद शास्त्री, प्रो.वी. के. शर्मा, प्रो. सुनील जोशी, प्रो. संगीता गहलौत, प्रो. बी. एम. सिंह, प्रो. हरिहृदय अवस्थी, प्रो. नीरू नत्थानी, डॉ. मंगला गौरी एवं डॉ. रानी सिंह की चरण वंदना करता हूँ जिनके सतत प्रयास एवं आशीर्वाद ने मुझे आयुर्वेद की सेवा करने योग्य बनाया।
में इस पुस्तक को प्रो. संजीव शर्मा, कुलपति, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मा.वि.), जयपुर को सादर समर्पित करता हूँ एवं हृदय की गहराइयों से धन्यवाद व्यक्त करता हूँ जिनका खेह एवं आशीर्वाद मेरे लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत रहा है।
लेखन कार्य में समय-समय पर मेरी सहायता करने के लिए में स्वस्थवृत्त विभाग की विभागाध्याक्षा प्रो. दुर्गावती देवी एवं विभाग के सभी अध्यापकगण व छात्र-छात्रों तथा संस्थान के अन्य सभी वरिष्ठ अध्यापकगण एवं मित्रों का आभारी रहूंगा। मैं अपने पिताजी श्री हरीशंकर अग्रवाल, माताजी श्रीमती रमा अग्रवाल, पत्नी श्रीमती अनिता अग्रवाल, पुत्री सर्वांशी अग्रवाल, पुत्र ओजस अग्रवाल एवं परिवार के सभी सदस्यों का ऋणी रहूंगा जो हमेशा ही मेरा उत्साहवर्धन करते हैं। श्रीमान् अतुल गुप्ता एवं चौखाम्भा ओरियण्टालिया परिवार को इस पुस्तक को सुंदर कलेवर में लिपिबद्ध करने के लिए में हृदय से धन्यवाद देता हूँ।
अंत में, में पाठकों से निवेदन करना चाहूँगा कि वे एस पुस्तक में किसी भी प्रकार की त्रुटि को क्षमा करेंगे एवं मुझे उनसे अवगत करायेंगे। मुझे आशा है कि विद्यार्थीगण इस पुस्तक का अध्ययन कर विषय का सुगमतापूर्वक ज्ञान अर्जित कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
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